नई दिल्ली। अगर आप बाजार में निवेश करते हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी की अहमियत को जरूर जानते होंगे। बाजार में तेजी-मंदी इन्हीं दो इंडेक्स को देखकर तय किया जाता है। अगर, सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल है तो माना जाता है कि बुल का पलड़ा भारी है। अगर, निफ्टी में शामिल कंपनी के शेयरों में गिरावट है तो पूरे मार्केट में इसका असर देखने को मिलता है। इसकी वजह यह है कि निफ्टी 50 में ब्लूचीप कंपनियां शामिल है, जिसका वेटेज (भार) बहुत अधिक है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियां निफ्टी 50 में शामिल होती हैं। इस इंडेक्स में शामिल होने के लिए पिछले छह महीने के औसतन डेली टर्नओवर व डेली फुल मार्केट कैपिटलाइजेशन के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाता है। हालांकि, निफ्टी 50 में शामिल शीर्ष 10 कंपनियां का बहुत ही अहम रोल है। आइए, जानते हैं कि निफ्टी 50 में शामिल कौन है शीर्ष 10 कंपनियां और अगर आप इसमें निवेश करेंगे तो कैसे फायदे में रहेंगे?
वेटेज के आधार पर निफ्टी में शामिल शीर्ष 10 कंपनियां
कंपनी | निफ्टी में वेटेज (% में) |
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड | 11.89 |
इंफोसिस लिमिटेड | 9.13 |
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड | 8.43 |
आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड | 6.64 |
एचडीएफसी | 5.66 |
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड | 5.07 |
कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड | 3.37 |
आईटीसी लिमिटेड | 2.87 |
लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड | 2.79 |
एक्सिस बैंक लिमिटेड | 2.63 |
निफ्टी 50 क्या है?
NIFTY 50 एनएसई का एक मत्वपूर्ण Benchmark है। यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 50 प्रमुख Shares का सूचकांक होता है। यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा अप्रैल 21, 1996 को शुरू किया गया है। तबसे लेकर अब तक, यह 835 से बढ़कर 10,800 हो गया है यानि 13x बढ़ गया है। 2009 से, निफ्टी की गणना फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन विधि का उपयोग करके की जाती है। यह विधि सूचकांक में परिवर्तन और स्टॉक विभाजित करने और अधिकारों जैसे कार्यों को सूचकांक के मूल्य को प्रभावित किए बिना विचार में लेती है।
NIFTY और सेंसेक्स में क्या अंतर?
निफ्टी और सेंसेक्स वेसे तो दोनों ही स्टॉक इंडेक्स यानी की संवेदी सूचकांक हैं। सेंसेक्स और NIFTY में निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है जबकि सेंसेक्स बांबे स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है। सेसेक्स में 30 कंपनियां listed (सूचीबद्ध) होती हैं वहीं NIFTY के अंतर्गत 50 कंपनियां listed होती है। दोनों का काम वेसे एक ही है। दोनों ही सूचकांक है और दोनों का ही वास्तविक मकसद शेयर बाजार की स्थिति बताना होता है।
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