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Hindi News पैसा बाजार Nifty पहली बार 26,000 तो सेंसेक्स 85,000 के पार बंद, आखिरी घंटे जबरदस्त खरीदारी से लौटी तेजी

Nifty पहली बार 26,000 तो सेंसेक्स 85,000 के पार बंद, आखिरी घंटे जबरदस्त खरीदारी से लौटी तेजी

इंडेक्स पर नजर डालें तो निफ्टी बैंक, फार्मा, रियल्टी में अच्छी तेजी देखने को मिली। आपको बता दें कि शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई।

Sensex - India TV Paisa Image Source : FILE सेंसेक्स

शेयर बाजार में आज आखिरी घंटे जबरदस्त खरीदारी लौटने से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों रिकॉर्ड हाई पर बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स अंक 255.83 उछलकर 85,169.87 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 63.75 अंकों की तेजी के साथ 26,004.15 अंक पर पहुंच गया। पूरे दिन हरे और लाल निशान में झुलते हुए बाजार में आखिरी घंटे खरीदारी लौटी जिसके दम पर दोनों इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। इंडेक्स पर नजर डालें तो निफ्टी बैंक, फार्मा, रियल्टी में अच्छी तेजी देखने को मिली। आपको बता दें कि शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। 

निवेशकों की मुनाफावसूली इसकी प्रमुख वजह रही। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की 225 और चीन का शंघाई कम्पोजिट फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74.96 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,784.14 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। 

इन कंपनियों के शेयरों में तेजी 

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दूसरी ओर टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और जेएसडब्ल्यू स्टील नुकसान के साथ बंद हुए। 

बाजार में उतारचढ़ाव की आशंका 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘सीमित दायरे में कारोबार के बाद प्रमुख सूचकांकों में बढ़त दर्ज की गई, जिसकी अगुवाई बिजली और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों ने की। दूसरी ओर मझोले और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में मूल्यांकन संबंधी चिंताओं के कारण गिरावट हुई।’’ उन्होंने कहा कि एफआईआई के प्रवाह में गिरावट और अन्य उभरते बाजारों में सस्ते मूल्यांकन के कारण घरेलू बाजार को अल्पकालिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। 

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