मल्टीबैगर शेयरों की इस तरह करें पहचान, गिरते बाजार में भी होगी बंपर कमाई
मल्टीबैगर स्टॉक उस शेयर को कहते हैं जो निवेशकों को काफी कम सयम में कई गुना रिटर्न देता है। कोरोना के बाद भारत में मल्टीबैगर स्टॉक की कोई कमी नहीं है।
Share Market में निवेश करने वालों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है। ऐसे में यह संभव है कि आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हों। आप को ऐसे खबरें सुनने में आती होगी कि इस एक शेयर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। एक साल में 10 हजार रुपये को 1 लाख बना दिया है। वहीं, किसी दूसरे शेयर में निवेशक ने 10 लाख लगाया तो वह दो साल में ही 3 करोड़ हो गया है। इस तरह के शेयर को बाजार की भाषा में मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stocks) कहते हैं। हालांकि, एक निवेश के लिए इस तरह के स्टॉक की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। ज्यादातर निवेशक जब किसी शेयर में निवेश करते हैं तो वह टूटकर नीचे चला आता है। इससे निवेशकों को नुकसान होने लगता है। अब सवाल उठता है कि मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान कैसे की जाए। तो आइए, हम आपको बताते हैं कि आप किस तरह मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान कर सकते हैं।
मल्टीबैगर स्टॉक का चुनाव इन 8 पैरामीटर पर करें
- सक्षम और मजबूत प्रबंधन: कोई शेयर मल्टीबैगर तभी हो सकता है जब उसका मैनेजमेंट यानी प्रबंधन सक्षम और मजबूत हो। इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर के चुनने से पहले उसका मौनेजमेंट देंखे। अगर वह सक्षम और मजबूत है तो वह शेयर मल्टीबैगर बन सकता है।
- मजबूत प्रमोटर होल्डिंग: अगर कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग 50 फीसदी से अधिक है तो यह दर्शाता कि उस कंपनी पर प्रमोटर का विश्वास है। यानी वह कंपनी आगे तेजी से ग्रो करेगी और शेयर के भाव बढ़ेंगे।
- कमाई में लगातार वृद्धि: अगर कंपनी की कमाई लगतार बढ़ रही है तो उस कंपनी के शेयर में आगे बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इस तरह के शेयर का चुनाव मल्टीबैगर चुनते समय जरूर करें।
- उच्च मार्जिन वाला कारोबार: मल्टीबैगर में उस तरह के शेयर चुनें जिस कंपनी का कारोबार उच्च मार्जिन वाला है। उच्च मार्जिन होने से कंपनी का मुनाफा तेजी से बढ़ेगा। इसका लाभ शेयर को होगा। शेयर का भाव तेजी से बढ़ेगा।
- कर्ज का बोझ: किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसपर कर्ज का बोझ जरूर देंखे। अगर कंपनी पर कर्ज का बहुत ज्यादा बोझ है तो वह मल्टीबैगर नहीं बन सकता है।
- बढ़ता कैश फ्लो: किसी कंपनी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए किसी कंपनी का नकदी प्रवाह सबसे सटीक पैमाना है। कैश फ्लो स्टेटमेंट भविष्य में कंपनी की कमाई बढ़ाने की क्षमता को निर्धारित करता है। अगर मैनेजमेंट कंपनी संचालन से नकदी उत्पन्न करने में सक्षम है, तो उसे अपने व्यवसाय को बढ़ाएगा। यानी उस कंपनी के शेयर मल्टीबैगर बन सकते हैं।
- इंडस्ट्री की पहचान: मल्टीबैगर स्टॉक का चुनाव में इंडस्ट्री की पहचान बहुत जरूरी है। पहले यह आंकलन करें कि भविष्य में कौन सी इंडस्ट्री तेजी से बढ़ने वाली है। कौन से उद्योग मजबूत रूप से उभर रहे हैं और क्यों? किसी क्षेत्र के लिए विकास की संभावना क्या है और यह दूसरों से कैसे भिन्न है। फिर उस सेक्टर की कंपनी के शेयर की पहचान करें।
- कंपनी का कारोबारी मॉडल: कोई भी स्टॉक मल्टीबैगर तभी बनता है जब उस कंपनी का कारोबारी मॉडल और उत्पाद की बाजार में मांग होती है। इसलिए ऐसी कंपनी का चुनाव करें, जिसके उत्पाद की जबरदस्त् मांग है या होने वाली है। साथ ही उसके कंपटीटर कम हो।
मल्टीबैगर स्टॉक किसे कहते हैं?
मल्टीबैगर स्टॉक उस शेयर को कहते हैं जो निवेशकों को काफी कम सयम में कई गुना रिटर्न देता है। अगर आपने किसी 50 रुपये के शेयर में निवेश किया है और वह काफी समय में 700 रुपये हो गया तो इसे म्लटीबैगर स्टॉक कहते हैं। Multibagger शब्द की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका के निवेशक और म्युचुअल फंड मैनेजर पीटर लिंच ने की थी। लिंच बेसबॉल के फैन थे और multibagger भी इसी खेल से निकला हुआ शब्द है। यह किसी बेसबॉल के खिलाड़ी के औसत से बेहतर प्रदर्शन को बताने के लिए इस्तेमाल किय जाता है। जानकारों का कहना था कि लिंच ने टेनबैगर शब्द दिया था जिसका मतलब जो शेयर अपने मौजूदा प्राइस से काफी कम समय में 10 गुना बढ़ जाए। कोरोना के बाद भारत में मल्टीबैगर स्टॉक की कोई कमी नहीं है।