भारतीय शेयर बाजारों पर यूक्रेन युद्ध से लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों की काली छाया अब छंटने लगी है। मार्च के शुरुआती हफ्तों में जारी गिरावट के घनघोर बादल अब छंटने लगे हैं। बाजार एक सीमित दायरे में लेकिन सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहा है। लेकिन शेयर बाजार का धरातल अभी भी दलदली है। बाजार के टॉप 500 शेयरों में करीब 60 प्रतिशत से ज्यादा शेयर अभी भी मंदड़ियों की गिरफ्त में है।
मार्केट से जुड़ी एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार टॉप 500 में से 300 से अधिक शेयरों का डेली मूविंग एवरेज 200 से नीचे है। बाजार की भाषा में यदि किसी शेयर का डेली मूविंग एवरेज 200 से नीचे होता है तो उसे बेयरिश या मंदी की चपेट में माना जाता है। निफ्टी 500 में शामिल कई दिग्गज कंपनियां जैसे वर्धमान टेक्सटाइल, दिलीप बिल्डकॉन, धानी सर्विसेज़, सोलारा एक्टिव 200 डेली मूविंग एवरेज से भी 40 से 73 प्रतिशत नीचे हैं।
बता दें कि मार्च के पहले हफ्ते में ही निफ्टी 50 में जोरदार गिरावट देखने को मिली थी। आईटी, मैटल और अन्य कमोडिटीज़ से जुड़े शेयर बुरी तरह से टूट चुके थे। शेयरों में इस बड़ी गिरावट के चलते निफ्टी टेक्निकल सपोर्ट को भी ध्वस्त करते हुए 15671 के स्तर तक आ गया था।
बाजार के जानकारों के अनुसार बाजार में एक बार फिर सुधार दिख रहा है। कुछ आईटी और एफएमसीजी स्टॉक्स अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी भी अधिकतर शेयरों में गिरावट का दौर जारी है, यहां रिकवरी फिलहाल दूर की कौड़ी है। बीते साल अक्टूबर के बाद से निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 7.8 प्रतिशत टूट चुका है। वहीं एनएसई 500 में इससे भी अधिक 8.45 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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