दुनियाभर के बाजार इस समय ग्लोबल सेल-ऑफ का सामना कर रहे हैं। भारतीय शेयर बाजार पर भी इस ग्लोबल सेल-ऑफ का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। भारी गिरावट का सामना कर रहे भारतीय बाजार में आज एक बार फिर बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। इसी बीच चीन के शेयर बाजारों में हालिया उछाल को देखते हुए निवेशकों के मन तरह-तरह की प्लानिंग चल रही है। निवेशक प्रॉफिट कमाने के लिए चीन के बाजार में पैसा लगाने का मन बना रहे हैं।
प्रॉफिट के लिए चीन के शेयर
एक ऑस्ट्रेलियाई ब्रोकरेज ने गुरुवार को कहा कि निवेशक प्रॉफिट कमाने के लिए चीन के बाजार में जा सकते हैं, लेकिन भारत लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के नजरिए से निवेशकों का फेवरेट डेस्टिनेशन बना हुआ है। एक नोट में मैक्वेरी (Macquarie) ने कहा कि इंवेस्टर इस समय दुविधा में हैं, क्योंकि भारत और चीन के बीच चुनाव करना ‘कठिन’ होता जा रहा है। उन्होंने दोनों देश के बाजारों के पॉजिटिव और नेगेटिव पहलुओं का विश्लेषण किया।
लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए बना रहेगा भारत का दबदबा
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
भारतीय बाजारों में डोमेस्टिक फ्लो के कारण अच्छी बढ़ोतरी
ऑस्ट्रेलियाई ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार इस समय तीन ‘नकारात्मक’ स्थितियों से जूझ रहे हैं, जिनमें कमजोर इकोनॉमिक ग्रोथ और हाई वैल्यूएशन शामिल हैं। मैक्वेरी के एक नोट में कहा गया है कि भारतीय बाजारों में पिछले कुछ महीनों में डोमेस्टिक फ्लो के कारण अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन वे प्रति शेयर उच्च आय की उम्मीदों के भी उलट हैं।
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