भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में निवेश करने वाले निवेशकों को डरने की जरूरत नहीं है। इंडियन स्टॉक मार्केट में उनका निवेश ज्यादा सुरक्षित है। ऐसा इसलिए कि ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी आर्थिक मंदी के बीच भारतीय बेंचमार्क सूचकांक अधिक लचीले बने हुए हैं। जबकि, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने लगभग दो वर्षों में अपना सबसे खराब दिन देखा है।
ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रेटेजी जेफरीज के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने एक हालिया नोट में लिखा, अमेरिकी आर्थिक मंदी का जोखिम अब काफी बढ़ गया है। दूसरी ओर, भारतीय शेयर बाजार "जापान की तुलना में अमेरिकी मंदी और संबंधित वॉल स्ट्रीट बिकवाली के मुकाबले कहीं अधिक लचीला है।" यानी भारतीय बाजार में ज्यादा मजबूती है। यहां तेजी जारी रहने की पूरी संभावना है।
अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ी
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनियों ने जुलाई में 1,14,000 नौकरियां पैदा की, जो 1,75,000 की अपेक्षा कम है। बेरोज़गारी की दर भी लगभग तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और यह बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई है। जब भारत की बात आती है, तो यहां के बाजार की स्थिति ज्यादा बेहतर और अधिक लचीला नजर आता है, जैसा कि हमें सोमवार को देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को एक बार फिर से बेहतर वापसी की।
घरेलू निवेशकों का बाजार पर भरोसा कायम
विश्लेषकों की मानें तो देश के घरेलू निवेशक हमेशा भारतीय शेयर बाजारों के बचाव के लिए समर्पित हैं। सोमवार को घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 9,155 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जबकि एफआईआई ने 10,073 करोड़ रुपये की बिकवाली की। इस बीच, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले महीने इक्विटी और डेट में 54,727 करोड़ रुपये का निवेश किया।
इनपुट: आईएएनएस
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