भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश फरवरी के आखिर में 1.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पिछले छह साल का उच्चतम स्तर है। इस आंकड़े में शेयर, ऋण और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में पी-नोट्स के जरिये किया गया निवेश शामिल है। सेबी के साथ रजिस्टर्ड विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं जो अपना रजिस्ट्रेशन कराए बगैर भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें समुचित जांच-पड़ताल से गुजरना पड़ता है।
पी-नोट्स से निवेश का मूल्य
खबर के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बाजारों- इक्विटी, ऋण और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में पी-नोट्स से निवेश का मूल्य फरवरी के आखिर में 1,49,517 करोड़ रुपये था, जबकि जनवरी आखिर में यह 1,43,011 करोड़ रुपये था। सेबी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह राशि जून, 2017 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जब पी-नोट्स से निवेश 1.65 लाख करोड़ रुपये था।
फरवरी में निवेश बढ़ने का श्रेय
पी-नोट्स में बढ़ोतरी आमतौर पर एफपीआई फ्लो के रुझान के मुताबिक होती है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि फरवरी में निवेश बढ़ने का श्रेय मजबूत कॉरपोरेट आय और दिसंबर तिमाही के दौरान दर्ज सकारात्मक आर्थिक वृद्धि के रुझान को दिया जा सकता है। फरवरी तक इस रूट से डाले गए कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये में से 1.27 लाख करोड़ रुपये शेयरों में, 21,303 करोड़ रुपये ऋण प्रतिभूतियों में और 541 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में निवेश किए गए।
इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास मौजूद परिसंपत्तियां फरवरी के आखिर में बढ़कर 68.55 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो जनवरी आखिर में 66.96 लाख करोड़ रुपये थी। एफपीआई ने फरवरी में भारतीय शेयर बाजार में 1,539 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 22,419 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
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