भारतीय मुद्रा को अमेरिकी डॉलर से कड़ी टक्कर मिल रही है। रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे गिरकर 84.88 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। रुपये पर इस दबाव के पीछे घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट, विदेशी फंडों की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी बताई जा रही है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि आयातकों और विदेशी बैंकों की डॉलर मांग के चलते रुपया कमजोर हो रहा है।
पिछला रिकॉर्ड निम्नतम बंद स्तर 9 दिसंबर को था
खबर के मुताबिक, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.85 पर खुला और इंट्रा-डे कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 84.89 के अब तक के सबसे निचले स्तर को छू गया। आखिर में यह 84.88 के नए सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ। बुधवार को रुपया 2 पैसे की बढ़त के साथ 84.83 के स्तर पर बंद हुआ। रुपये का पिछला रिकॉर्ड निम्नतम बंद स्तर 9 दिसंबर को दर्ज किया गया था, जब यह डॉलर के मुकाबले 20 पैसे गिरकर 84.86 पर बंद हुआ था।
रुपये पर और दबाव पड़ सकता है
मिरे एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और कमजोर घरेलू बाजारों के कारण रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। चौधरी ने आगे कहा कि अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण अमेरिकी डॉलर में तेजी आई। हालांकि, यह अनुमान के मुताबिक था। दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।
हालांकि, आरबीआई द्वारा कोई भी हस्तक्षेप निचले स्तरों पर रुपये को सहारा दे सकता है। यूएसडी-आईएनआर हाजिर कीमत 84.65 से 85.10 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है। इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की टोकरी के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत को मापता है, 0.09 प्रतिशत बढ़कर 106.81 पर कारोबार कर रहा था।
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