सोमवार से कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल? निवेशक हैं तो जान लें पहले
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सूचकांकों ने अन्य एशियाई बाजारों के विपरीत अपनी तेजी जारी रखी। उन्हें मुद्रास्फीति के आंकड़ों से मदद मिली। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में भारी खरीदारी ने प्रमुख सूचकांकों को नई ऊंचाई दी।
सोमवार यानी कल से भारतीय शेयर बाजार की चाल कैसी रहेगी? क्या तेजी बरकरार रहेगी या गिरावट आ सकती है? मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों का रुख वैश्विक रुझानों से तय होने की उम्मीद है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण घटनाक्रम की कमी और कंपनियों के तिमाही नतीजे काफी हद तक आ जाने के बीच कारोबारियों की नजर कच्चे तेल की कीमतों, रुपये की चाल और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक की टिप्पणियों पर रहेगी।
ग्लोबल फैक्टर डालेंगे बाजार पर असर
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि कंपनियों के तीमाही परिणाम आ जाने के साथ आने वाले सप्ताह में वैश्विक संकेतक काफी हद तक बाजार की चाल तय करेंगे। बीते सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहा, हालांकि अंत में सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। मजबूत व्यापक आर्थिक आंकड़ों के कारण घरेलू बाजार पिछले सप्ताह सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांकों में एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त रही। सेंसेक्स 72,426.64 पर और निफ्टी 22,040.70 पर बंद हुआ। बाजार को व्यापक आर्थिक आंकड़ों से भी समर्थन मिला, जिसमें खुदरा मुद्रास्फीति भी शामिल है। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में तीन महीने के निचले स्तर 5.1 प्रतिशत पर आ गई।
इस कारण भारतीय बाजार में रही तेजी
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सूचकांकों ने अन्य एशियाई बाजारों के विपरीत अपनी तेजी जारी रखी। उन्हें मुद्रास्फीति के आंकड़ों से मदद मिली। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में भारी खरीदारी ने प्रमुख सूचकांकों को नई ऊंचाई दी। अमेरिकी खुदरा बिक्री में गिरावट के कारण निवेशकों के बीच इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों में कटौती करेगा। इसके अलावा चीन में मांग बढ़ने की उम्मीद ने भी बाजार को समर्थन दिया।
विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली
अमेरिकी में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने और घरेलू तथा वैश्विक मोर्चे पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 3,776 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। हालांकि, विदेशी निवेशक ऋण या बॉन्ड बाजार को लेकर उत्साहित हैं और समीक्षाधीन अवधि में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 16,560 करोड़ रुपये डाले हैं। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अबतक (16 फरवरी तक) शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 3,776 करोड़ रुपये की निकासी की है। इससे पहले उन्होंने जनवरी में शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे। इसके साथ, इस साल उनकी कुल निकासी 29,519 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।