Stock Market में निवेश करने के लिए किस EV शेयर को खरीदें? जानें बंपर रिटर्न के लिए सही शेयर चुनने का आसान तरीका
Stock Market Bumper Returns: EV का सबसे जरूरी कंपोनेंट है बैटरी। इसमें लिथियम आयन बैटरी लगती है। अब इस बैटरी को भी तीन तरह की कंपनियां बना रही हैं। ऐसे में आपको सही शेयर का चुनाव कैसे करना है, आइए जानते हैं।
Best EV Shares: आने वाला समय नो डाउट EV, ग्रीन एनर्जी, Solar जैसी फ्यूचरिस्टिक कंपनियों का ही रहने वाला है। इस क्षेत्र में कई सारी कंपनियां काम कर रही हैं। कई नए स्टार्टअप्स आ गए हैं और कई लाइन में हैं। ऐसे में इन कंपनियों की तादाद इतनी ज्यादा होने वाली है कि शुरुआती दौर में किसी नए निवेशक के लिए ये तय कर पाना मुश्किल होगा कि वो निवेश के लिए किस कंपनी को चुने?
EV के लिए क्या है समस्या?
केंद्र सरकार EV गाड़ियों की खरीदारी पर टैक्स में छूट देती है। हालांकि चार्जिंग का इन्फ्रास्ट्रक्चर कम होने की वजह से खरीदारों का रुझान इस तरफ कुछ कम है। अभी कंपनियों के बीच पहले आप-पहले आप वाला मामला चल रहा है। यानी चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनियां कार बनाने वाली कंपनियों को कह रही हैं कि आप पहले उतनी कार तो बनाइए, तो वहीं कार निर्माता कंपनियों का कहना है कि कार आने से पहले चार्जिंग स्टेशन तो लगाइए। ऐसे में वो कंपनियां बाजी मार सकती हैं जो कार बनाने के साथ-साथ चार्जिंग स्टेशन भी स्टेबलिश करेंगी। अब इस दौर में वो कौन सी कंपनियां होंगी? इसकी तस्वीर अभी फिलहाल ज्यादा साफ नहीं है। लेकिन एक दो नाम सबकी जुबान पर है जैसे टाटा। लेकिन इसके अलावा बहुत सारी कंपनियां हैं जो इस लाइन में आ सकती हैं।
भेजा न करें फ्राई... नई कंपनी न करें ट्राई
EV का सबसे जरूरी कंपोनेंट है बैटरी। इसमें लिथियम आयन बैटरी लगती है। अब इस बैटरी को भी तीन तरह की कंपनियां बना रही हैं। एक वो कंपनी जो पहले से ट्रेडिशनल बैटरी बना रही हैं। जैसे एक्साइड और अमर राजा बैटरी। दूसरी वो कंपनियां जो कार बना रही हैं। उनमें से कई लिथियम आयन बैटरी भी बना रही हैं और कई इसे बनाने की दिशा में काम भी कर रही हैं। और तीसरी वो कंपनियां जो इस फील्ड में बिलकुल नई हैं। चूंकि EV में सबसे ज्यादा महंगा कंपोनेंट बैटरी ही रहने वाली है। इसलिए कार बनाने वाली अधिकतर कंपनियां लिथियम आयन बैटरी भी बनाएंगी। क्योंकि जब बैटरी स्वैपिंग सिस्टम शुरू होगा तो फिर इन बैटरियों की डिमांड चार्जिंग स्टेशंस पर सबसे ज्यादा हो जाएंगी। लोग चार्जिंग स्टेशन पर आएंगे और कार की बैटरी को चार्ज करने की बजाय चार्ज्ड बैटरी लेंगे और अपनी डिस्चार्ज बैटरी छोड़ जाएंगे। किसी के पास इतना समय नहीं कि वो हजार किलोमीटर की यात्रा के बीच 4 से 6 घंटे किसी चार्जिंग स्टेशन पर बैठकर बैटरी चार्ज करने में अपना समय बेकार करे। ऐसे में आपको लगेगा कि भाई EV की कार बनाने वाली कंपनी और लिथियम आयन बनाने वाली कंपनी में निवेश कर देना चाहिए। लेकिन ऊपर जैसा कि मैंने बताया कि आप किस कंपनी में निवेश करेंगे ये आप अभी तय नहीं कर पाएंगे। क्योंकि धीरे-धीरे इसकी तस्वीर साफ होगी कि इस फील्ड का महारथी आखिर कौन बन सकता है? अगर आपने EV के फ्यूचर को देखकर अभी किसी गलत कंपनी में निवेश कर दिया तो आप फंस सकते हैं, आपका पैसा फंस सकता है।
जानी पहचानी कंपनी में ही निवेश करें
Solar और Green Energy वाली कंपनियों पर भी ऊपर बताई गई बात लागू होती है। ये दोनों फील्ड भी Emerging sector में आते हैं। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार भी इन तीनों क्षेत्रों को प्रमोट कर रही है। लेकिन जहां तक निवेश करने की बात है, आपको निवेश से पहले अपनी गाढ़ी कमाई को वहीं लगाना चाहिए जहां रिस्क थोड़ा कम हो, वरना आपका पैसा कब धुआं हो जाएगा, ये आपको पता भी नहीं चलेगा। इसलिए मेरी राय ये है कि अगर आप कंपनियों के फंडामेंटल के बारे में थोड़ी कम समझ रखते हैं या फिर नए निवेशक हैं तो बड़ी और स्टेबलिश कंपनियों में ही निवेश कीजिए। चाहे आप लार्ज कैप कंपनियों के शेयर लें या फिर म्यूचुअल और इंडेक्स फंड में निवेश करें। बस आपको पेनी स्टॉक या नई कंपनी से दूर रहना है। तभी आप थोड़ा कम ज्ञान होने के बावजूद बाकी लोगों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न जेनरेट कर पाएंगे। वर्ना जिंदगीभर FD के रिटर्न से ही संतुष्ट रहेंगे। आखिर बैंक में FD कराने को पैसे में आग लगाने के बराबर क्यों माना गया है, इसे नीचे दिए गए आर्टिकल को पढ़कर आसान भाषा में समझ सकते हैं।
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