सोलर मॉड्यूल बनाने वाली गुजराती कंपनी सोलेक्स एनर्जी ने मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी बढ़ाने और सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एंट्री करने के लिए साल 2030 तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए अपनी योजना की जानकारी शेयर की। कंपनी ने कहा कि वो 24,000 से ज्यादा लोगों को जॉब भी देगी। गुजरात की कंपनी सोलेक्स एनर्जी ने अपने एक्सपेंशन स्कीम के तहत 2030 तक मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी को मौजूदा 1.5 गीगावाट से बढ़ाकर 15 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ कंपनी ने दो गीगावाट की शुरूआती क्षमता के साथ सोलर सेल बनाने वाले प्लांट लगाने की भी योजना बनाई है।
मार्च 2025 तक कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या होगी 25,000
सोलेक्स एनर्जी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चेतन शाह ने कहा, ‘‘हम ‘विजन 2030’ के तहत मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी बढ़ाकर 15 गीगावाट करने और सोलर सेल बनाने के सेक्टर में कदम रखने के लिए 2030 तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इस विस्तार योजना के तहत 24,000 से ज्यादा लोगों को जॉब दिया जाएगा। अभी कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 600 से ज्यादा है। हम इसे बढ़ाकर 2025 मार्च तक 1,000 और 2030 तक 25,000 करेंगे।’’ शाह ने कहा कि सोलर सेक्टर में ट्रेन्ड वर्कफोर्स की जरूरत को देखते हुए कंपनी स्थानीय लोगों को हुनरमंद बनाने पर जोर देगी।
इक्विटी और कर्ज के जरिए पैसा जुटाएगी गुजरात की सोलेक्स एनर्जी
चेतन शाह ने कहा, ''कंपनी के एक्सपेंशन के लिए निवेश की जाने वाली राशि कर्ज और इक्विटी के जरिए जुटाई जाएगी। इसमें इक्विटी हिस्सेदारी ज्यादा होगी। हम जॉइंट वेंचर के जरिए भी फंड्स जुटा सकते हैं। फंड्स जुटाने को लेकर हमारी बातचीत जारी है और इस बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी।'' गुजरात की कंपनी ने इस मौके पर रेक्टेंगल सेल-बेस्ड सोलर मॉड्यूल (पैनल) भी पेश किया। कंपनी का दावा है कि ये ‘एन टाइप टॉपकॉन’ टेक्नोलॉजी पर आधारित देश का पहला रेक्टेंगल सेल बेस्ड सोलर मॉड्यूल है। कंपनी इसे ‘तापी-आर’ ब्रांड के तहत बेचेगी।
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