भारत अपना सोने का भंडार तैयार कर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कही। दास ने कहा कि भारत अपनी विदेशी मुद्रा की तैनाती के क्रम में यह पहल लगातार जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि हम सोने का भंडार बना रहे हैं जो हमारे मुद्रा भंडार नियोजन का एक हिस्सा है। शक्तिकान्त दास ने हालांकि भंडार के लिए खरीदे गए सोने की मात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन आधिकारिक आंकड़ों की ओर इशारा किया जो स्वर्ण भंडार के मूल्य में वृद्धि को दर्शाता है। भाषा की खबर के मुताबिक, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 22 मार्च को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का मूल्य 51.48 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था। यह मार्च, 2023 के आखिर के मूल्य से 6.28 अरब अमेरिकी डॉलर ज्यादा है।
सिर्फ जनवरी महीने में 8.7 टन सोना खरीदा
खबर के मुताबिक, हाल ही में आई एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने सिर्फ जनवरी महीने में 8.7 टन सोना खरीदा जो दो साल में सबसे अधिक है। विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के पास मौजूद सोना जनवरी के अंत में 812.3 टन तक पहुंच गया जबकि दिसंबर, 2023 में यह 803.58 टन था। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमत भी तेजी से बढ़ी है। इससे पहले दास ने ऐलान किया कि देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च तक 645.6 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया।
रुपया स्थिर होना रिजर्व बैंक के लिए प्राथमिकता
आरबीआई गवर्नर ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले चार-पांच वर्षों में जानबूझकर विदेशी मुद्रा भंडार के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि इसका इस्तेमाल भविष्य में किसी भी जोखिम के खिलाफ बफर के रूप में किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी मुद्रा के मोर्चे पर केंद्रीय बैंक का दृष्टिकोण राष्ट्रीय बही-खाते को भी मजबूती देता है। दास ने कहा कि रुपया स्थिर होना रिजर्व बैंक के लिए प्राथमिकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सोने की खपत लगभग 800 टन सालाना है। भारतीय हर साल करीब 3.6 लाख करोड़ रुपये का सोना खरीदते हैं। भारत में सबसे ज्यादा सोने के आभूषण के तौर पर सोने की खरीदारी होती है।
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