सोने का जोश फिर हाई है। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतों में तेजी आई और यह 80,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली कीमती धातु 620 रुपये उछलकर करीब तीन सप्ताह के टॉप लेवल 80,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। सोना मंगलवार को 79,780 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, बुधवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 620 रुपये उछलकर 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी सत्र में पीली धातु 79,380 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
वायदा कारोबार में भी मजबूत हुआ सोना
खबर के मुताबिक, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी वाले सोने के करार 112 रुपये बढ़कर 78,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहे थे। दिन के दौरान, सोना 640 रुपये बढ़कर 78,978 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, कॉमेक्स की कीमतें एक बार फिर 2,700 डॉलर के स्तर पर पहुंच गईं, जिससे सोने में मामूली बढ़त दर्ज की गई। यह एक सप्ताह पहले देखी गई 2,600 डॉलर की समर्थन सीमा से मजबूती से उबर रहा है।
जानें एक्सपर्ट की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी जतिन त्रिवेदी ने कहा कि एमसीएक्स में सोने के 77,400-79,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है, लेकिन डेटा जारी होने से पहले अस्थिरता बनी रहने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 10. 20 डॉलर प्रति औंस या 0. 38 प्रतिशत बढ़कर 2,728. 60 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। सीरिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से सोने की कीमतें एक बार फिर 2,700 डॉलर के स्तर को पार कर गईं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा कि डॉलर इंडेक्स और बढ़ती ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से कीमतों को समर्थन मिल रहा है।
अबंस होल्डिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ती अनिश्चितता के बीच सोना एक पसंदीदा सुरक्षित-संपत्ति के रूप में चमकना जारी रखता है। बाजार गुरुवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और बेरोजगारी दावों के आंकड़ों पर भी कड़ी नजर रखेंगे। बदले में, जारी किए गए आंकड़े अमेरिकी डॉलर की कीमत की गतिशीलता को प्रभावित करने और अगले सप्ताह होने वाली बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक से पहले बुलियन कीमतों के भविष्य की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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