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Hindi News पैसा बाजार धनतेरस पर सोने की खरीदारी बढ़ी, आयात शुल्क में कटौती का दिखा असर, मार्केट में रौनक

धनतेरस पर सोने की खरीदारी बढ़ी, आयात शुल्क में कटौती का दिखा असर, मार्केट में रौनक

आयात शुल्क में 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की कटौती से त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ी है, क्योंकि उपभोक्ता उच्च शुद्धता वाले सोने के उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे हैं। एमएमटीसी-पीएएमपी के मुताबिक, मौसमी कारकों से परे, सोने की मांग साल भर चलने वाली सांस्कृतिक प्रथाओं से भी लाभान्वित होती है।

भारत दुनिया के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है।- India TV Paisa Image Source : INDIA TV भारत दुनिया के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है।

धनतेरस के प्रमुख त्योहार के दौरान देश में सोने की मांग मजबूत हुई है। एमएमटीसी-पीएएमपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। अधिकारी के मुताबिक, आयात शुल्क में हाल ही में की गई कटौती और पारंपरिक खरीद पैटर्न के चलते बाजार में रौनक है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एमएमटीसी-पीएएमपी के प्रबंध निदेशक और सीईओ विकास सिंह ने बताया कि हमारे शुद्ध सोने के प्रोडक्ट्स की लगातार मांग के साथ, इस धनतेरस सीजन में सोने के लिए बाजार की धारणा मजबूत बनी हुई है।

आयात शुल्क में कटौती का असर

खबर के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि आयात शुल्क में 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की कटौती से त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ी है, क्योंकि उपभोक्ता उच्च शुद्धता वाले सोने के उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि गुणवत्ता और शुद्धता के लिए ग्राहकों की प्राथमिकता खरीद फैसलों में एक प्रमुख चालक बनी हुई है, खासतौर से हमारे 99. 99 प्रतिशत से अधिक शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने के उत्पादों के लिए। सिंह ने कहा कि पॉजिटिव गति आगामी शादी के मौसम में जारी रहने की उम्मीद है, जो परंपरागत रूप से भारत की वार्षिक सोने की खपत का लगभग आधा हिस्सा है।

सांस्कृतिक प्रथाओं से भी मिलता है बाजार को सपोर्ट

एमएमटीसी-पीएएमपी के मुताबिक, मौसमी कारकों से परे, सोने की मांग साल भर चलने वाली सांस्कृतिक प्रथाओं से भी लाभान्वित होती है। बच्चे के जन्म और नामकरण समारोह के दौरान पारंपरिक अनुष्ठान, जो साल के किसी भी समय हो सकते हैं, इस कीमती धातु के महत्व और आशीर्वाद के रूप में विचार के कारण इसके मूल्य में वृद्धि करते रहते हैं। भारत दुनिया के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है, जिसकी मांग सांस्कृतिक और धार्मिक कारकों और निवेश संबंधी विचारों से प्रेरित है।

विश्व स्वर्ण परिषद ने बीते अगस्त में अनुमान लगाया था कि 2024 में भारत में सोने की खपत 850 टन हो सकती है। इससे पहले 750 टन का अनुमान लगाया था। इस बढ़ोतरी का श्रेय अच्छे मॉनसून और सोने पर शुल्क में कमी को दिया जा रहा है। मांग आभूषणों से प्रेरित है। दिवाली-धनतेरस से काफी उम्मीदें हैं।

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