सोने की कीमत में सोमवार को गिरावट आई है। सोमवार सुबह घरेलू वायदा बाजार में दाम में गिरावट दर्ज की गई। बाद में इसमें मामूली रिकवरी भी दिखी। सोने के भाव में कमी की वजह कमजोर ग्लोबल संकेत और डॉलर में तेजी रही। साथ ही अमेरिका में नौकरियों की मजबूत रिपोर्ट ने नवंबर में अमेरिकी फेड द्वारा दरों में 50 बीपीएस की कटौती की उम्मीदों को हवा दे दी। इन वजहों से एमसीएक्स पर 5 दिसंबर के अनुबंध के लिए सोमवार को दोपहर 1:29 बजे सोने का भाव 76,140 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
चांदी का वायदा भाव भी गिरा
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, सोमवार को दोपहर 1:29 बजे चांदी का वायदा भाव 5 दिसंबर के अनुबंध के लिए 0.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92,832 रुपये प्रति किलो हो गया था। अमेरिका के ताजा आंकड़ों की बात की जाए तो रॉयटर्स के मुताबिक, सितंबर में अमेरिका में नौकरियों में छह महीनों में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई और बेरोजगारी दर गिरकर 4.1 प्रतिशत हो गई। यह बताता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है और अमेरिकी फेड को दरों में कटौती के लिए आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत नहीं है।
सिर्फ 25 बीपीएस की कटौती का अनुमान
लाइवमिंट के मुताबिक, सीएमई के फेडवॉच टूल का मानना है कि, बाजार को अब 95 प्रतिशत संभावना है कि फेड नवंबर में दरों में सिर्फ 25 बीपीएस की कटौती करेगा। अच्छे मैक्रो नंबरों ने अमेरिकी डॉलर को मजबूत किया। इसका असर सोने पर पड़ा है। चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में उछाल से दूसरी मुद्राओं में बुलियन महंगा हो जाता है। पूरी दुनिया में निवेशकों का ध्यान अब 9 अक्टूबर को यूएस फेड की आखिरी मीटिंग के नतीजों पर है।
कम ब्याज दर वाले माहौल में और राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के दौरान सोने में तेजी आती है। फिलहाल, मध्य पूर्व में बढ़ती स्थिति सोने के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक पहलू है। अगर इजरायल-ईरान युद्ध आगे बढ़ता है, तो यह जोखिम भरे इक्विटी को गंभीर झटका दे सकता है और सुरक्षित आश्रय परिसंपत्तियों की खरीद को बढ़ावा दे सकता है।
Latest Business News