Stock Market: भारतीय शेयर बाजार की तूफानी तेजी के पीछे ये है बड़ा कारण, जानिए क्या है इसका चीन से कनेक्शन
एफपीआई की लिवाली की मुख्य वजह यह है कि अनिश्चित वृहद वैश्विक रुख के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है।
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) के लिए बीता हफ्ता रिकॉर्ड तोड़ रहा। सोमवार से लेकर गुरुवार तर शेयर बाजार ने रोज नया रिकॉर्ड दर्ज किया। शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर खुलता था और रिकॉर्ड स्तर पर ही बंद होता था। हालांकि शुक्रवार को इस तेजी में ब्रेक लगा और Sensex में 500 अंकों की गिरावट आई। इसका प्रमुख कारण मुनाफा वसूली थी। लेकिन अनिश्चित ग्लोबल परिस्थितियों और अमेरिका में मंदी की आहट के बीच बाजार इतना तजी से कैसे बढ़ा? इसके कई कारण थे, लेकिन प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों (FPI) द्वारा की जा रही जमकर खरीदारी भी रहा।
FPI ने एक हफ्ते में किया 22000 करोड़ का निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 22,000 करोड़ रुपये डाले हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अगर यह रुख जारी रहती है, तो जुलाई में एफपीआई का निवेश मई और जून से अधिक हो जाएगा। मई में एफपीआई का शेयरों में निवेश 43,838 करोड़ रुपये और जून में 47,148 करोड़ रुपये रहा था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई मार्च से लगातार भारतीय शेयर बाजार में लिवाल रहे हैं। इस महीने सात जुलाई तक उन्होंने शेयरों में 21,944 करोड़ रुपये डाले हैं। मार्च से पहले विदेशी निवेशकों ने जनवरी और फरवरी में शेयरों से कुल मिलाकर 34,626 करोड़ रुपये निकाले था।
अन्य देशों के मुकाबले भारत बेहतर विकल्प
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि भारत का अन्य देशों की तुलना में अधिक वृद्धि के अनुकूल बाजार के रूप में उभरना विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा रहा है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक- प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की लिवाली की मुख्य वजह यह है कि अनिश्चित वृहद वैश्विक रुख के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण भी एफपीआई भारत में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।
भारत आ रहा चीन का पैसा
जियोजीत के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई अब ‘भारत में खरीदो, चीन में बेचो’ की रणनीति अपना रहे हैं। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 1,557 करोड़ रुपये डाले हैं। इस साल अबतक भारतीय शेयरों में एफपीआई का निवेश 98,350 करोड़ रुपये पर और बॉन्ड बाजार में 18,230 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।