भारतीय शेयर बाजार में बुधवार के कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट देखने को मिली। बैंकिंग, मेटल, ऑयल शेयर पर सबसे ज्यादा दबाव देखा गया। इसके कारण बाजार 2 प्रतिशत तक फिसल गए। इसे हाल के कुछ महीनों में हुई सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है।
इस गिरावट में विदेशी निवेशकों ने भी जमकर बिकवाली की है। एनएसई के डेटा के मुताबिक 17 जनवरी के कारोबारी सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा शुद्ध रूप से 10,578 करोड़ बिकवली की। इस दौरान एफआईआई ने 27,896 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और वहीं, 15,188 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
घरेलू निवेश की ओर से गिरावट वाले बाजार में भी खरीदारी का ट्रेंड जारी रखा। डीआईआई की ओर से शुद्ध रूप से 4,006 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे गए। इस दौरान कुछ 15,188 करोड़ के शेयर खरीदे गए और 11,182 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की गई।
जून 2022 के बाद सबसे बड़ी गिरावट
इस गिरावट को 13 जून 2022 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है। बीएसई का सूचकांक 1628 अंक या 2.23 प्रतिशत गिरकर 71,500 अंक और निफ्टी 460 अंक या 2.09 प्रतिशत गिरकर 21,571 अंक पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप और स्मॉल कैफ इंडेक्स में इस दौरान 1.09 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली।
बैंकिंग शेयरों में बड़ी गिरावट
आज के कारोबारी सत्र में बैंकिंग शेयरों में बड़ी गिरावट हुई। एचडीएफसी बैंक 8 प्रतिशत, कोटक महिंद्रा बैंक 3.7 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 3.3 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 2.7 प्रतिशत और इंडसइंड बैंक 1.4 प्रतिशत गिरकर बंद हुए। इस कारण से निफ्टी बैंक 4.28 प्रतिशत या 2,060.65 अंक गिरकर 46,064 अंक पर बंद हुआ।
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