मोदी सरकार द्वारा नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 30,772 करोड़ रुपये का निवेश किया है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा बजट के सुधारोन्मुख रहने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर यदि डॉलर और बॉन्ड प्रतिफल में नरमी का हालिया रुख जारी रहता है, तो एफपीआई की भारतीय बाजार में लिवाली जारी रहेगी।
23 जुलाई को पेश होने वाले बजट पर नजर
उन्होंने कहा कि घरेलू और विदेशी निवेशक 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में संभावित बदलावों पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने अबतक (19 जुलाई तक) शेयरों में शुद्ध रूप से 30,772 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में उन्होंने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वहीं इससे पहले एफपीआई ने चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे।
अप्रैल में बड़ी निकासी की थी
मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि की चिंता के बीच अप्रैल में उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 13,573 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे इस साल अबतक बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 82,197 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
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