विदेशी निवेशकों ने शेयर मार्केट में इस महीने अब तक 11,557 करोड़ डाले, फिर क्यों टूट रहा बाजार, जानें यहां
आने वाले समय में अमेरिका के व्यापक आर्थिक आंकड़े और कोविड संक्रमण की स्थिति से बाजार की चाल निर्धारित होगी।
चीन सहित कुछ अन्य देशों में कोविड संक्रमण फिर से फैलने और शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 11,557 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 1-23 दिसंबर के दौरान इक्विटी में 11,557 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। इससे पहले एफपीआई ने नवंबर में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश किया था। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि जब विदेशी निवेशक लगातार निवेश कर रहे हैं तो बाजार टूट क्यों रहा है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। इससे आम निवेशकों में डर का माहौल पैदा हो गया है। उनको लगा रहा है कि 2020 की तरह बाजार क्रैश कर सकता है। इस डर में वो जबरदस्त तरीके से बिकवाली कर रहे हैं। वहीं, कुछ बड़े निवेशक साल के आखिरी महीने में मुनाफा काट रहे हैं। इसके चलते हर सेक्टर के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
विदेशी निवेशक धीरे-धीरे सतर्क हो रहे
मॉर्निंग स्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक-शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बाजारों में गिरावट और कोविड संक्रमण को लेकर आशंकाओं के बावजूद एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में (दिसंबर में) शुद्ध खरीदार बने रहे। उन्होंने आगे कहा कि 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में शुद्ध प्रवाह की मात्रा कम हुई, जो दर्शाता है कि हाल के घटनाक्रमों और अनिश्चितताओं को देखते हुए विदेशी निवेशक धीरे-धीरे सतर्क हो रहे हैं।
इस हफ्ते कई फैक्टर तय करेंगे बाजार की चाल
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आने वाले समय में अमेरिका के व्यापक आर्थिक आंकड़े और कोविड संक्रमण की स्थिति से बाजार की चाल निर्धारित होगी। अमेरिकी डॉलर सूचकांक के कमजोर होने और सकारात्मक आर्थिक रुझानों के कारण आईपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति रुझान बढ़ा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये निकाले थे।