भारतीय शेयर बाजार से मिल रहे कम रिटर्न ने विदेशी निवेशकों को परेशानी में डाल दिया है। इसके चलते उनका मोहभंग भी हो रहा है। इसका असर उनके निवेश पर दिखाई दे रहा है। उनका निवेश भारतीय बाजार में लगातार कम हो रहा है। मॉर्निंगस्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश दिसंबर, 2022 के अंत में घटकर 584 अरब डॉलर रह गया, जो सालाना आधार पर 11 प्रतिशत कम है। यह गिरावट काफी हद तक भारतीय शेयरों से कम रिटर्न और घरेलू शेयर बाजार से विदेशी धन की निकासी के चलते आई है।
दिसंबर तिमाही में कुछ सुधार हुआ
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयरों में एफपीआई निवेश का मूल्य दिसंबर, 2021 के अंत में 654 अरब डॉलर की तुलना में घटकर दिसंबर, 2022 तक 584 अरब डॉलर रह गया। एफपीआई निवेश का मूल्य तिमाही आधार पर सितंबर, 2022 के मुकाबले तीन प्रतिशत बढ़ा। यह लगातार दूसरी तिमाही भी थी, जब घरेलू शेयर बाजार में एफपीआई का निवेश मूल्य बढ़ा। ऐसे में भारतीय इक्विटी के बाजार पूंजीकरण में एफपीआई का योगदान सितंबर, 2022 तिमाही के 16.97 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर, 2022 तिमाही में 17.12 प्रतिशत हो गया।
घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी
भारतीय शेयर बाजार से भले ही विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहें हैं लेकिन घरेलू निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। इसका प्रमाण एक रिपोर्ट से मिली है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 तिमाही से घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है। बीते एक साल में छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी में 22.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह एक नया रिकॉर्ड है। सितंबर तिमाही तक छोटे निवेशकों का 27,134 करोड़ रुपये बाजार में लगा हुआ था। आंकड़ों के अनुसार, छोटे निवेशकों की पहली पसंद छोटी कंपनियां है।
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