Alert: अगर आपने ये काम 30 September तक नहीं किया तो 1 अक्टूबर से आप अपना Demat Account इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे
Alert: 30 सितंबर तक डीमैट खाता धारकों को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की प्राॅसेस पूरा करना है।
Alert: कोरोना महामारी के बाद देश में तेजी से शेयर बाजार में निवेश करने वाले बढ़े हैं। इसके चलते डीमैट खातों की संख्या 7 करोड़ के पार चली गई है। ऐसे में अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने जून में एक सर्कुलर जारी किया था। इसके तहत 30 सितंबर तक डीमैट खाता धारकों को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की प्राॅसेस पूरा करना है। वरना वे अपने डीमैट खाते में 1 October से लॉग इन नहीं कर पाएंगे। एनएसई के निर्देश के अनुसार, Share Market में निवेश करने वालों को अपने डीमैट अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर के तौर पर बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना होगा। वहीं, दूसरा ऑथेंटिकेशन नॉलेज फैक्टर हो सकता है। यानी आपके पास अब सिर्फ 11 दिनों का समय बचा है।
क्या होता है टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
डीमैट खाते के टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के तहत बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन में फिंगरप्रिंट स्कैनिंग, चेहरे की पहचान या आवाज की पहचान का उपयोग किया जाता है। वहीं, नॉलेज फैक्टर में पासवर्ड, पिन या कोई पजेशन फैक्टर हो सकता है जिनकी जानकारी सिर्फ यूजर को होती है। इसमें यूजर्स को एसएमस और ई-मेल दोनों के जरिए ओटीपी हासिल करना होता है। इस प्रक्रिया अपनाने से फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। हाल के दिनों में साबइर क्राइम को बढ़ते देख जून में एनएसई ने यह सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा था कि अगर किसी वजह से बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव न हो तो यूजर्स को नॉलेज फैक्टर का इस्तेमाल करना होगाण् जिसमें पासवर्ड,पिन, पजेशन फैक्टर और यूजर आईडी हो सकता है।
डीमैट खातों में ‘ब्लॉक’ व्यवस्था 14 नवंबर से अनिवार्य होगी
बाजार नियामक सेबी निवेशकों के लिये बिक्री सौदों को लेकर अपने डीमैट खातों में प्रतिभूतियां रोकने यानी ‘ब्लॉक’ करने की व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया। फिलहाल निवेशकों के लिये यह सुविधा वैकल्पिक है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि बिक्री सौदा करने वाले निवेशकों के डीमैट खातों (प्रतिभूतियों और शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का खाता) में ‘ब्लॉक’ व्यवस्था 14 नवंबर से अनिवार्य हो जाएगी। इस व्यवस्था के तहत बिक्री सौदा करने को इच्छुक निवेशकों के शेयरों को संबंधित समाशोधन निगम के पक्ष में उसके डीमैट खाते में अवरुद्ध कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नियामक ने जुलाई में ‘ब्लॉक’ व्यवस्था लाने का निर्णय किया था। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) ने कहा कि उसके पास सक्रिय डीमैट खातों की संख्या सात करोड़ को पार कर गई है।