नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार पूर्वी यूरोप में बढ़ते तनाव की वजह से व्याप्त चिंता के बीच सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी दिन भी दबाव में रहे जिससे दोनों मानक सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एशियाई बाजारों के असर में शुरुआती कारोबार में करीब 700 अंक गिर गया था लेकिन बाद में यह कुछ हद तक सकारात्मक स्थिति में लौटता दिखा। इसके बावजूद कारोबार के अंत में सेंसेक्स 149.38 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,683.59 अंक पर बंद हुआ। इसी तर्ज पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 69.65 अंक यानी 0.40 प्रतिशत गिरकर 17,206.65 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
सेंसेक्स में शामिल तीस में से 21 शेयर लाल निशान के साथ बंद हुए। सन फार्मा, टीसीएस और आईटीसी के शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। इसके उलट सेंसेक्स के शेयरों में से आईटी क्षेत्र की विप्रो और इन्फोसिस लाभ की स्थिति में रहीं। एशिया के बाजारों में भी नुकसान की स्थिति दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में तो एशियाई बाजारों को तगड़ा नुकसान हुआ था लेकिन बाद में रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन विवाद पर बातचीत की उम्मीद पैदा होने से हालात कुछ बेहतर हुए।
कच्चे तेल में सुस्ती
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड गिरावट के साथ 91.43 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा था। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार के मोर्चे पर रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 11 पैसे की मजबूती के साथ 74. 55 प्रति डॉलर के भाव पर रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी रखा है। शेयर बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 2,529.96 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
रुपये में लगातार पांचवें दिन तेजी
डॉलर में कमजोरी तथा कच्चे तेल के दाम नीचे आने के बीच सोमवार को रुपये में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में लाभ रहा और यह 11 पैसे की बढ़त के साथ 74.55 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर पहुंच गया। रूस-यूक्रेन संकट के समाधान की उम्मीद के बीच कच्चे तेल की कीमतें नीचे आईं जिससे रुपये को समर्थन मिला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.51 प्रति डॉलर पर मजबूत खुला।
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