बाजार शुरुआती बढ़त को बरकरार रखने में असफल रहा और मंगलवार को आखिर में लाल निशान के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क सेंसेक्स कारोबार के आखिर में 152.93 अंक की गिरावट के साथ 81,820.12 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 70.6 अंक लुढ़ककर 25,057.35 के लेवल पर बंद हुआ। निफ्टी ऑटो, धातु और फार्मा कंपनियों के दबाव में 25,100 से नीचे बंद हुआ। आज के कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी में सर्वाधिक लाभ पाने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, बीपीसीएल, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल रहे, जबकि नुकसान में रहने वाले शेयरों में बजाज ऑटो, विप्रो, बजाज फाइनेंस, हिंडाल्को और एचडीएफसी लाइफ शामिल हैं।
इन वजहों से आई गिरावट
प्रमुख शेयरों में गिरावट और कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण 15 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई। मुद्रास्फीति और दूसरी तिमाही की निराशाजनक इनकम को लेकर चिंता ने गिरावट में भूमिका निभाई, हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने कुछ राहत प्रदान की। मेटल इंडेक्स में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई, ऑटो में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट आई, फार्मा में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि रियल्टी सूचकांक में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और मीडिया इंडेक्स में 0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। मिड और स्मॉल कैप में बढ़त के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के लगभग ₹463.6 लाख करोड़ से बढ़कर लगभग ₹463.9 लाख करोड़ हो गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने की जोरदार निकासी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजार में सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान 3,731.60 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की थी। यह लगातार 11वें दिन बिकवाली है, जो भारतीय इक्विटी के प्रति अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के बीच निरंतर मंदी की भावना को दर्शाता है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पिछले 11 दिनों में, एफपीआई ने कुल 73,123 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाले हैं, जिसमें से अकेले अक्टूबर में 62,124 करोड़ रुपये निकाले गए। सबसे बड़ी बिकवाली 3 अक्टूबर को हुई, जब एफपीआई ने 15,506 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफपीआई ने 26 सितंबर को शुद्ध खरीदारी की थी, जिसमें 630 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे।
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