घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को कोहराम मचते देखा गया। कारोबारी सत्र के आखिर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क सेंसेक्स 964.15 अंक टूटकर 79,218.05 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 247.15 अंक लुढ़कर 23951.70 के लेवल पर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बीती रात (भारतीय समयानुसार) रातोंरात 0.25 प्रतिशत की ब्याज दर में कटौती लागू कर दी, लेकिन 2025 में सिर्फ दो तिमाही अंकों की कटौती का उसका अनुमान, बाजारों द्वारा अपेक्षित तीन या चार कटौतियों से कम था। इसका असर बाजार पर पड़ा और एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली की। इससे बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। आज के कारोबार में निवेशकों के ₹3.7 लाख करोड़ डूब गए।
फार्मा को छोड़कर सभी सेक्टरों में भारी गिरावट
खबर के मुताबिक, आज के कारोबार के दौरान फार्मा को छोड़कर सभी सेक्टरों ने भारी गिरावट के साथ सत्र का समापन किया। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी आईटी, निफ्टी ऑटो और बैंक निफ्टी में देखी गई। यह करीब 2 प्रतिशत लुढ़क गए। सेंसेक्स और निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व शामिल हैं, जबकि डॉ रेड्डीज, सन फार्मा और सिप्ला सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले शेयर रहे।
लगातार चौथे सत्र में गिरावट के साथ भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को सेंसेक्स एक समय लगभग 1,200 अंक टूट गया था और निफ्टी 23,870 के स्तर पर आ गया था। यह गिरावट अमेरिकी फेड द्वारा भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की गति धीमी होने के संकेत के बाद आई। पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा, निफ्टी 50 में भी 3.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
रुपया रिकॉर्ड निचले लेवल पर
भारतीय रुपया गुरुवार को 85.3 डॉलर प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे बाजार की धारणा को नुकसान पहुंचा। कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने से हतोत्साहित करता है। जब वे इसे अपनी घरेलू मुद्राओं में वापस बदलते हैं तो यह उनके लाभ को कम करता है, जिससे विदेशी पूंजी का आउटफ्लो होता है और बाजारों पर और दबाव बढ़ता है।
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