Closing Bell: हफ्ते के पहले दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 1456.74 अंक लुढ़क कर 52,846.70 और एनएसई निफ्टी 427.40 अंक की गिरावट के साथ 15,774.40 अंक पर बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली आने से निफ्टी ने 15,800 का अपना अहम सपोर्ट को तोड़ दिया है। दुनियाभर के बाजार का मूड आसमान छूती महंगाई ने खराब कर दिया है। अमेरिकी में 40 साल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। इसका असर डाओ-नैस्डेक पर देखने को मिला है। भारत में भी महंगाई आरबीआई के लक्ष्य से ऊपर पहुंच गया है।
निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूबे
बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूब गए। दरअसल, जब शुक्रवार को बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2,51,94,519.26 करोड़ रुपये था जो अब घटकर 2,45,31,646.22 करोड़ रुपेय रह गया। इस तरह झटके में निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो गया है।
बाजार में क्यों आई बड़ी गिरावट
वैश्विक बाजार में बिकवाली का भारतीय बाजार पर असर
विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से निकाल रहे पैसा
डॉलर के मुकाबले रुपया टूटने का भी असर
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने से निवेशकों में चिंता बढ़ी
इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही
सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, एनटीपीसी, इन्फोसिस और भारतीय स्टेट बैंक में प्रमुख रूप से गिरावट रही। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले कमजोर वैश्विक रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बाजार को आज जारी होने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े की प्रतीक्षा है।
क्या करें निवेशक
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप ट्रेडर नहीं तो बाजार में कोई भी नया निवेश नहीं करें। बाजार में अभी उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। ऐसे में अभी इंतजार करने की रणनीति पर चलें। अगर आपने अच्छी कंपनी के शेयर में निवेश किया है तो उसके साथ बने रहें।
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