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Hindi News पैसा बाजार IPO मार्केट में जारी रहेगी धूम, 22,000 करोड़ के आईपीओ जल्द आएंगे, इन कंपनियों को सेबी से मिली मंजूरी

IPO मार्केट में जारी रहेगी धूम, 22,000 करोड़ के आईपीओ जल्द आएंगे, इन कंपनियों को सेबी से मिली मंजूरी

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में अधिकांश कंपनियों का वैल्यूएशन हाई है। यानी स्टॉक का भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा हुआ है। इसके चलते निवेशक प्राइमरी मार्केट में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं।

IPO- India TV Paisa Image Source : FILE आईपीओ

शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। बाजार में उथल-पुथल से रिटेल निवेशकों को बड़ा नुकसान हो रहा है। हालांकि, इसका असर प्राइमरी मार्केट यानी आपीओ बाजार पर होता नहीं दिख रहा है। अगस्त के पहले सप्ताह में 11,850 करोड़ रुपये से अधिक के चार आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO ) आ चुके हैं। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, सेबी से 25 कंपनियों को आईपीओ लाने की मंजूरी मिल चुकी हैं। ये कंपनियां बाजार से करीब 22,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। 

इन कंपनियों के आईपीओ जल्द आएंगे

बताते चलें कि आने वाले दिनों में बजाज हाउसिंग फाइनेंस, आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस, प्रीमियर एनर्जीज, अर्केड डेवलपर्स और नॉर्दर्न आर्क कैपिटल कंपनियों के आईपीओ बाजार में आएंगे। मंगलवार को लिस्ट हुए दो आईपीओ ने निवेशकों को मालामाल करने का काम किया है। इससे निवेशकों का भरोसा बहाल हुआ है। अच्छी कंपनियों में निवेशक इस बाजार में भी पैसा  लगाने से पीछे नहीं रह रहे हैं। इसलिए कई आईपीओ को बंपर सब्सक्रिप्शन मिल रहा है।

क्यों आईपीओ बाजार में लगातार तेजी?

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में अधिकांश कंपनियों का वैल्यूएशन हाई है। यानी स्टॉक का भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा हुआ है। इसके चलते निवेशक प्राइमरी मार्केट में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं। आईपीओ में म्यूचुअल फंडों भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। अगस्त में प्राथमिक बाजार को ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का आईपीओ सफल रहा है। इस आईपीओ का इश्यू साइज 6,146 करोड़ रुपये था। निवेश बैंकरों का मानना ​​है कि इससे पता चलता है कि बाजार में भरोसा है। ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ ऐसे समय में आया है, जब पिछले हफ्ते अमेरिका में संभावित मंदी, येन कैरी ट्रेड्स को खत्म करने और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव की चिंताओं के कारण दुनिया भर के इक्विटी बाजारों में भारी बिकवाली का दबाव था। यहां तक ​​कि घरेलू इक्विटी ने भी दबाव महसूस किया क्योंकि बेंचमार्क- सेंसेक्स और निफ्टी 50 में बड़ी गिरावट देखने को मिली। 

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