Black Friday: 867 अंक गिरकर बंद हुआ सेंसेक्स, निवेशकों ने खोए 4.47 लाख करोड़, ये रहे गिरावट के बड़े कारण
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक या 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,835.58 पर बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाजारों के लिए आज का दिन ब्लैक फ्राइड जैसा रहा। आज बाजार खुलते हुए शुरू हुई गिरावट पूरे दिन हावी रही। अमेरिकी बाजारों की गिरावट भारतीय बाजारों को लहूलुहान कर गई। भारी बिकवाली के बीच शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक टूटकर 55,000 के नीचे बंद हुआ। वहीं यूरोप में शेयर बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में भी बृहस्पतिवार को गिरावट रही।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक या 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,835.58 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में एक वक्त सेंसेक्स 1,115.48 अंक या दो प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,586.75 पर पहुंच गया था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 271.40 अंक या 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,411.25 पर बंद हुआ।
निवेशकों को 4.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को आई बड़ी गिरावट से निवेशकों को 4.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक यानी 1.56 प्रतिशत लुढ़क कर 54,835.58 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,115.48 अंक नीचे चला गया था। बाजारों में गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,47,172.57 करोड़ रुपये घटकर 2,55,17,716.80 करोड़ रुपये पर आ गया।
इन शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान
सेंसेक्स शेयरों में बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, नेस्ले, विप्रो, एचडीएफसी, इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, आईटीसी, एसबीआई और एनटीपीसी में तेजी रही। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 2,074.74 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
ये रहे गिरावट के बड़े कारण
हेम सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीएमएस) मोहित निगम ने कहा, ‘‘एफओएमसी (फडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के बाद बुधवार को अमेरिकी बाजारों में एक राहत भरी तेजी देखी गई, लेकिन बढ़ती ब्याज दरों पर अधिक चिंता के कारण बृहस्पतिवार को यह रुख बदल गया।’’ बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बृहस्पतिवार को अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाने का फैसला किया था। जिसका असर भारतीय बाजारों पर दिखाई दिया।
मंदी के डर से सहमे बाजार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ ही बिकवाली के दबाव से वैश्विक बाजार गिरने लगे। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करते हुए, मंदी के संभावित जोखिम के बारे में चेतावनी दी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.20 फीसदी चढ़कर 113.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।