नई दिल्ली। शेयर बाजार में सोमवार का दिन निवेशकों के लिए ब्लैकमंडे साबित हुआ। घरेलू और विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली से बाजार में भूचाल आ गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2000 अंक तक टूट गया तो निफ्टी भी 17,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया था। हालांकि,बाद में थोड़ा सुधार आया है जिससे बीएसई सेंसेक्स 1,545.67 अंक टूटकर 57,491.51 अंक पर और निफ्टी 468.05 अंक के नुकसान से 17,149.10 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों को एक दिन में 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल, शुक्रवार को बाजार बंद होने पर बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल पूंजीकरण 2,69,65,801 करोड़ था जो सोमवार को बाजार बंद होने पर घटकर 2,60,52,149 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
लॉर्ज कैप से लेकर स्मॉल कैप में बिकवाली
बाजार में आई गिरावट की सुनामी से कोई भी नहीं बच पाया। लॉर्ज कैप कंपनियों के साथ मिड और स्मॉल कैप में भी बड़ी बिकवाली देखने को मिली। अगर सेक्टर की बात करें तो बैंकिंग सेक्टर, आईटी सेक्टर, ऑटो सेक्टर, फाइनैंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल्स, एनर्जी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों की सबसे ज्यादा पिटाई हुई।
गिरावट के 4 प्रमुख कारण
- अमेरिकी फेड की बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान संभव
- यूक्रेन और रूस के बीच लगातार बढ़ता तनाव
- बढ़ती वैश्विक महंगाई से विकास की रफ्तार धीमा होने का खतरा
- विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार भारतीय बाजार से बिकवाली
मार्केट क्रैश नहीं बल्कि करेक्शन मोड में, गिरावट आगे भी संभव
शेयर बाजार एक्सपर्ट हर्ष रुंगटा ने इंडिया टीवी को बताया कि अमेरिकी फेड के बयान जिसमें उसने ब्याज दरा में बढ़ोतरी की बात कि है उसका असर दुनिया सहित भारतीय बाजार पर दिख रहा है। अगर फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो बाजार में लिक्विडिटी की कमी आएगी। इसके चलते बाजार में और गिरावट आ सकती है। हां, यह क्रैश बिल्कुल नहीं है बल्कि करेक्शन है। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनी के शेयरों के साथ बने रहें। निवेश अभी थोड़ा ठहर कर करें।
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