15 दिसंबर के बाद शेयर बाजार में आ सकती है गिरावट, इस कारण बिकवाली की आशंका
2024 के लिए शेयर बाजार की भावनाएं काफी अधिक आशावादी हैं। पिछले 7 दिनों में बाजार में 4.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, इसका नेतृत्व वित्तीय और सभी क्षेत्रों ने किया है। नए साल में बैंकिंग, आईटी, मैन्यूफैक्चरिंग समेत कई सेक्टर तेजी में अपना योगदान देंगे।
दिसंबर के दूसरे पखवाड़े यानी 15 दिसंबर के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है। इसकी बड़ी विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) होंगे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि एफपीआई प्रवाह फिर से शुरू होने से निफ्टी में तेजी लौटी है। हालांकि, दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है, क्योंकि एफपीआई साल के अंत में निवेश नहीं करते। आपको बता दें कि साल की शुरुआत के बाद से निफ्टी 50 ने नवंबर में अपना अब तक का सबसे अधिक रिटर्न दर्ज किया, इसका नेतृत्व यूएस फेड की नरम टिप्पणी, बॉन्ड यील्ड में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की वापसी के कारण हुआ।
18 सितंबर के बाद पहली बार 20 हजार के पार निफ्टी
29 नवंबर को निफ्टी ने 18 सितंबर के बाद पहली बार 20 हजार के स्तर को छुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि सकारात्मक भावना अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नरम टिप्पणियों से भी प्रेरित थी, जिसने नवंबर में दूसरी बार दरों को अपरिवर्तित रखा। नवंबर के दौरान एफआईआई ने भारतीय इक्विटी में 1.1 अरब डॉलर का निवेश किया और इसके बाद अकेले दिसंबर के पहले दिन 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया। पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ विनय पहाड़िया ने कहा, महीने के दौरान 1.7 अरब डॉलर के प्रवाह के साथ डीआईआई ने भी जमकर निवेश किया। इससे बाजार रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया।
विदेशी निवेशकों ने जमकर निवेश किया
रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबी अवधि में मजबूत आर्थिक विकास से प्रेरित भारतीय इक्विटी बाजारों को लेकर आशावादी बने हुए हैं। हालांकि, हाल के महीनों में बाजारों में तेजी के बाद, हम इक्विटी बाजारों की निकट अवधि की रिटर्न क्षमता को लेकर सतर्क हैं। दो महीने तक शुद्ध विक्रेता बने रहने के बाद नवंबर में एफआईआई 2.3 अरब डॉलर के खरीदार बन गए। अक्टूबर में 3.4 अरब डॉलर के निवेश के बाद नवंबर में डीआईआई ने 1.7 अरब डॉलर का निवेश दर्ज किया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, सीवाई23वाईटीडी में एमआईआई और डीआईआई प्रवाह क्रमशः 14.4 और 20.8 बिलियन डॉलर है। इससे बाजार में तेजी आई लेकिन अब गिरावट की संभावना है।
लंबी अवधि में तेजी जारी रहने की उममीद
आनंद राठी समूह के सह-संस्थापक और उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा कि भारतीय बाजार में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक कारकों के कारण शॉर्ट टर्म में गिरावट देखने को मिल सकती है लेकिन लंबी अवधि में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। आपको बता दें कि भारतीय शेयर बाजारों में हाल के दिनों में तेजी देखी जा रही है और सूचकांक नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन के मोर्चे पर चिंताओं के बावजूद, खासकर मिड और स्मॉल कैप कंपनियों के लिए, हमारा मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजार में बहुत कम उछाल है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय इक्विटी निकट अवधि में ऊपर की ओर यात्रा जारी रखेगी।