अनिल अंबानी की RBN को खरीदेगा ZEE, डील 1872 करोड़ रुपए में होने की उम्मीद
अनिल अंबानी की रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स (RBN) को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEE) 1,872 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए तैयार हो गई है।
Ankit Tyagi Oct 13, 2016, 9:31:00 IST
नई दिल्ली। अनिल अंबानी की रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स (RBN) को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEE) 1,872 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए तैयार हो गई है। एक अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक यह डील करीब-करीब हो चुकी है। जी और आरबीएन के बीच रेडियो और टेलीविजन बिजनस के लिए 1,872 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर सहमति बन गई है। आरबीएन के पास प्राइवेट एफएम ब्रैंड 92.7 बिग एफएम और दो टीवी चैनल- बिग मैजिक (कॉमेडी एंटरटेनमेंट) और बिग गंगा (भोजपुरी एंटरटेनमेंट) हैं।
ड्यू डिलिजेंस के बाद टूट गई थी डील
- अंग्रेजी अखबार के सूत्रों के मुताबिक इससे पहले ड्यू डिलिजेंस के बाद मध्य अगस्त में दोनों कंपनियों के बीच बातचीत टूट गई थी।
- अंबानी ग्रुप इस बिजनेस के लिए 2300-2400 करोड़ रुपये की कीमत मांग रहा था।
- वहीं, जी 1,800 करोड़ रुपये से अधिक देने को तैयार नहीं था।
- रिलायंस ग्रुप के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर अमिताभ झुनझुनवाला और सुभाष चंद्रा के एस्सेल ग्रुप के ग्रुप फाइनैंस ऐंड स्ट्रैटेजी हेड हिमांशु मोदी इस साल की शुरुआत से ही इस सौदे पर काम कर रहे थे।
- दोनों ही उद्योगपति डील के स्ट्रक्चर को लेकर कई ऑप्शंस तलाश रहे थे।
- इस सौदे में जी के लिए सबसे बड़ी अड़चन यह थी कि रेडियो सेक्टर में 49 पर्सेंट से अधिक विदेशी निवेश नहीं हो सकता, जबकि नॉन-न्यूज टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है।
- दोनों कंपनियां डील का स्ट्रक्चर इस तरह से तय करेंगी, जिससे विदेशी निवेश के मौजूदा कानून का उल्लंघन ना हो।
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डील के साथ दो दिक्कतें थीं
- पहला, फेज 3 रेडियो पॉलिसी के तहत तीन साल का लॉक इन पीरियड है।
- जिसमें रेडियो कंपनियों को 49 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बेचने की इजाजत नहीं है।
- दूसरी, 49 फीसदी की एफडीआई लिमिट है।
कंपनी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
- सूत्रों ने बताया कि जी पहले आरबीएन में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी, लेकिन वह बाद में इसे बढ़ाकर 51 फीसदी का वादा भी करेगी।
- इस खबर के लिए झुनझुनवाला और आरबीएन को ईमेल से भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला।
अनिल अंबानी ग्रुप का फोकस अब पावर और डिफेंस कारोबार है
- यह बात सबको पता है कि रिलायंस कैपिटल (रिलायंस ग्रुप की इनवेस्टमेंट आर्म) मीडिया बिजनस से निकलना चाहता है।
- ग्रुप डिफेंस, फाइनैंशल सर्विसेज, पावर और टेलीकॉम बिजनस पर ध्यान देना चाहता है।