कच्चा तेल खरीदो और पैसे भी लो, जानिए क्यों शून्य से नीचे पहुंचा मई WTI क्रूड का भाव
दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग 30 फीसदी घट चुकी है, जिसका असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली। सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों के लिए ऐतिहासिक दिन रहा है, जब मई WTI क्रूड का दाम निगेटिव में चला गया। कारोबार के दौरान मई कॉन्ट्रैक्ट शून्य से नीचे फिसलकर माइनस 38 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। यानि एक समय कारोबारी हर बैरल लेने वाले को करीब 38 डॉलर और ऑफर कर रहे थे। इसकी वजह ओवर सप्लाई और स्टोरेज क्षमता के अपनी सीमा पर पहुंचना है।
मई कॉन्ट्रैक्ट मंगलवार को एक्सपायर हो रहा है। अगर मंगलवार के बाद भी कारोबारियों के पास कॉन्ट्रैक्ट रहते हैं तो उन्हें मई में क्रूड की डिलिवरी लेनी पड़ेगी। हालांकि कारोबारी मान रहे हैं कि फिलहाल मांग न होने और सप्लाई जारी रहने से क्रूड के रणनीतिक भंडार जल्द भर जाएंगे। ऐसे में अगर मई में क्रूड बैरल डिलिवर हुए तो कारोबारियों के पास उसे रखने की जगह नहीं रहेगी। इसी वजह से मई कॉन्ट्रैक्ट के खरीदार बाजार से गायब हैं और कीमत में तेज गिरावट दर्ज हुई है। ये गिरावट सिर्फ मई डिलिवरी के लिए ही है। दूसरी तरफ जून कॉन्ट्रैक्ट के लिए ब्रेंट क्रूड की कीमत अभी भी 25 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बनी हुई है, दिन के कारोबार में उसमें 6% की गिरावट देखने को मिली है। आपको बता दें कि आमतौर पर ईंधन की कीमतों पर ब्रेंट क्रूड की कीमत का असर देखने को मिलता है
दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग 30 फीसदी घट चुकी है। औऱ पिछले कॉन्ट्रैक्ट की वजह से सप्लाई हो रहे कच्चे तेल से ओकलाहोमा में स्थित अमेरिकी स्टोरेज फैसिलिटी के अगले कुछ हफ्ते में पूरा भर जाने की उम्मीद है। जानकारों के मुताबिक ओपेक देशों की कटौती का भी फिलहाल असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कोरोना की वजह से मांग काफी गिर चुकी है।