नई दिल्ली। डेरिवेटिव अनुबंधों की समयसीमा की समाप्ति नजदीक आने के कारण शेयर बाजारों में चालू सप्ताह में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वहीं, छोटी अवधि में बाजार की चाल वैश्विक संकेतों से तय होगी।
ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा कि बाजार लंबे सुगठन के दौर में जाता प्रतीत होता है तथा सभी बाजार उत्प्रेरक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह तेजी अथवा गिरावट की ओर एक निर्णायक करवट ले सकता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मोर्चे पर संसद के बजट सत्र के घटनाक्रम पर निवेशकों की सतर्क नजर रहेगी।
आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इंवेस्टमेन्ट्स के निदेशक एवं शोध प्रमुख अबिनाश कुमार सुधांशु ने कहा कि मार्च सीरीज के लिए अनुबंधों की समयसीमा समाप्त होने के कारण बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
सैम्को सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों के उतार चढ़ाव निकट अवधि में घरेलू शेयर बाजार पर अपना असर डालेंगे। वाहन कंपनियां मार्च महीने के लिए शनिवार से अपने बिक्री आंकड़ों को जारी करना शुरू करेंगी, जिस पर निवेशकों की निगाह रहेगी।
बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 227.59 अंक या 0.76 प्रतिशत नीचे आया, वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 52.05 अंक या 0.56 प्रतिशत टूट गया। तीन सप्ताह में यह सेंसेक्स और निफ्टी की पहली साप्ताहिक गिरावट रही।
Latest Business News