नई दिल्ली। इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक्नोलॉजी, इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस, टेक महिंद्रा, माइंडट्री, परसिसटेंट सिस्टम्स और एमफेसिस के शेयरों पर शुक्रवार को बिकवाली का दबाव देखा गया। अमेरिका में H-1B वीजा नियमों में प्रमुख बदलावों के लिए संसद में दोबारा लाए गए प्रस्ताव के बाद आईटी कंपनियों पर दबाव बढ़ा है।
बीएसई पर आईटी सब-इंडेक्स 2.5 प्रतिशत टूट गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी का शेयर 3.5 प्रतिशत, इंफोसिस का शेयर 2.5 प्रतिशत, टीसीएस का शेयर 2 प्रतिशत और विप्रो का शेयर 2 प्रतिशत टूट गया।
- आज की इस गिरावट से भारत की टॉप 4 आईटी कंपनियों टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक की मार्केट वैल्यू 22,000 रुपए कम हो गई।
- यूएस कांग्रेस में वह बिल दोबारा लाया गया है, जो भारत जैसे देशों से कुशल श्रमिकों के जरिये अमेरिका में हाई टेक जॉब्स को भरने की अनुमति देता है।
- इस नए बिल में एच1बी वीजा होल्डर्स की न्यूनतम सैलररी वर्तमान 60,000 डॉलर प्रति वर्ष से बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर करने का प्रस्ताव है और इसमें मास्टर डिग्री से छूट का प्रावधान भी खत्म करने की बात कही गई है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अमेरिका में यह बिल पास होता है तो इससे भारतीय आईटी कंपनियों के ऑपरेटिंग मार्जिन पर बुरा असर पड़ेगा।
आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्यूरिटीज के रिसर्च हेड एके प्रभाकर ने कहा कि,
आईटी कंपनियों के शेयर में आई गिरावट की प्रमुख वजह एच1बी वीजा है। यदि बिल पास हो जाता है तो इससे आईटी कंपनियों के एबिटडा मार्जिन पर 150 आधार अंकों का असर पड़ेगा।
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