नई दिल्ली। लघु एवं मझोले उद्यम (एसएमई) ने वित्त वर्ष 2016-17 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 811 करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह इससे पूर्व वित्त वर्ष के मुकाबले दो गुना अधिक है। इतनी बड़ी राशि जुटाए जाने का कारण सरकार की तरफ से एसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए सुधार एवं उपाय हैं।
पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 80 कंपनियां 811 करोड़ रुपए मूल्य के आईपीओ के साथ सूचीबद्ध हुईं। वहीं इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 46 कंपनियां 304 करोड़ रुपए जुटाने के लिए आईपीओ लाई थीं।
वहीं 2014-15 में 37 कंपनियों ने एसएमई प्लेटफॉर्म पर कदम रखे और 271 करोड़ रुपए जुटाए। ये कंपनियां बीएसई एवं एनएसई के लघु एवं मझोले प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हुईं। पैंतोमाथ ग्रुप के प्रबंध निदेशक महावीर लुनावात ने कहा, एसएमई पूंजी बाजार में विभिन्न वर्ग के निवेशक भाग ले रहे हैं और यह प्रवृत्ति बनी रहने की उम्मीद है। यहां तक कि संस्थागत निवेशकों ने एसएमई में रुचि दिखाई है और बाजार को उनसे उम्मीदें हैं।
उन्होंने कहा, अधिकतर सूचीबद्ध एसएमई ने शेयरधारकों को लाभ दिया है। भौगोलिक रूप से एसएमई की सूचीबद्धता में गुजरात अव्वल रहा। राज्य की 33 कंपनियां एसएमई शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुईं। उसके बाद क्रमश: महाराष्ट्र (15), राजस्थान (10), पश्चिम बंगाल (चार) तथा दिल्ली (तीन) का स्थान है।
सेबी के साथ मामले निपटाने के लिए 21.63 लाख रुपए चुकाए
अबांस इंटरप्राइजेज तथा पीएच ट्रेडिंग ने सेबी को कुल 21.63 लाख रुपए का भुगतान कर इस विनियामक के समक्ष लंबित मामले का निपटान किया है।
सेबी नियमों के निपटान शुल्कों के तहत अबांस इंटरप्राइजेज ने 12.75 लाख रुपए व पीएच ट्रेडिंग ने 8.88 लाख रुपए का भुगतान किया है। इन दोनों कंपनियों के खिलाफ खुलासा नियमों के उल्लंघन का मामला चल रहा था। सेबी के साथ निटान में इन कंपनियों को अपना दोष स्वीकार नहीं करना पड़ा है पर अब इन कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होगी।
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