अमेरिका में ब्याज दर घटने के बाद भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 462 और निफ्टी 138 अंक लुढ़का
घरेलू शेयर बाजार में तेज बिकवाली देखने को मिल रही है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 400 अंक लुढ़क गया है।
मुंबई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा एक दशक में पहली बार ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा करने के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट आई जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिला। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार की समाप्ति पर 462.80 अंक का गोता लगाकर 37,018.32 तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 138 अंक टूटकर 10,980.00 अंक पर बंद हुआ।
धातु, बैंक और प्रौद्योगिकी शेयरों में भारी बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स गुरुवार को लुढ़क गया। कारोबारियों के अनुसार कमजोर आर्थिक आंकड़े, विदेशी पूंजी निकासी जारी रहने तथा कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणाम से बाजार धारणा प्रभावित हुई। कमजोर शुरूआत के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स कारोबार समाप्ति से पहले एक समय 750 अंक से अधिक टूट गया था। अंत में यह 462.80 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,018.32 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 138 अंक यानी 1.24 प्रतिशत टूटकर 10,980 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में वेदांता को सर्वाधिक 5.55 प्रतिशत का नुकसान हुआ। उसके बाद क्रमश: टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, येस बैंक, भारती एयरटेल और इन्फोसिस का स्थान रहा। इनमें 4.50 प्रतिशत तक की गिरावट रही। वहीं दूसरी तरफ मारुति, पावर ग्रिड, रिलायंस, बजाज आटो, हीरो मोटो कार्प, एचयूएल और एनटीपीसी लाभ में रहे। इनमें 1.86 प्रतिशत की तेजी आयी। बुधवार को बाजार बंद होने के बाद जारी आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून माह में घटकर 0.2 प्रतिशत रहने का आंकड़ा सामने आने से निवेशक धारणा प्रभावित हुई। मुख्य रूप से तेल एवं गैस और सीमेंट उदत्पादन में गिरावट से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर कमजोर रही। इसके अलावा सरकार का राजकोषीय घाटा जून तिमाही में 4.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2019-20 के बजटीय अनुमान का 61.4 प्रतिशत है।
वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी मानक ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 2.0 से 2.25 प्रतिशत कर दी। दस साल से अधिक समय बाद अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में कटौती की है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि दर में की गई इस कटौती को लंबे समय तक दर में कमी लाने की दिशा में उठाया गया कदम नहीं समझा जाना चाहिए।
प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनियों ने जुलाई में बिक्री कम रहने की रिपोर्ट दी है। इसके अलावा कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर बने रहने से भी बाजार पर असर पड़ा। शेयर बाजारों के पास उपलब्ध अस्थायी आंकड़ो के अनुसार विदेशी निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,497.07 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हैंग सेंग और दक्षिण कोरिया का कोस्पी नुकसान में रहे जबकि जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा।