मुंबई। निवेशकों का ध्यान अमेरिका में होने वाली राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर यूएस फेडरल पर शिफ्ट होने और एशियन बाजारों में गिरावट के असर से सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों ने भी दिनभर गिरावट के साथ कामकाज किया। शेयर बाजारों में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज की गई है।
30 शेयरों वाला बीएसई इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) 377.52 अंक (1.32 फीसदी) टूटकर 28,290.70 अंक पर बंद हुआ। वहीं 50 शेयरों वाला एनएसई इंडेक्स निफ्टी 109.20 अंक (1.24 फीसदी) गिरकर 8,722.35 अंक पर बंद हुआ। मेटल तथा ऑयल और गैस को छोड़कर बीएसई के अन्य सभी सेक्टर इंडेक्स निगेटिव जोन में रहे। इनमें सबसे ज्यादा रियल्टी इंडेक्स में, 1.89 फीसदी की गिरावट आई। इसके बाद ऑटो में 1.72 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर में 1.64 फीसदी और बैंकिंग सेक्टर 1.59 फीसदी टूटा। मेटल इंडेक्स 0.2 फीसदी ऊपर चढ़ा तो ऑयल एंड गैस सेक्टर में 0.05 फीसदी की तेजी आई।
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सेंसेक्स पर टॉप पांच सबसे ज्यादा टूटने वाले शेयरों में ओएनजीसी (4.15 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.23 फीसदी), एनटीपीसी (3.12 फीसदी) और गेल (2.65 फीसदी) शामिल हैं। टॉप पांच बढ़त दर्ज करने वालों में कोल इंडिया (1.29 फीसदी), ल्यूपिन (0.32 फीसदी), रिलायंस (0.3 फीसदी), टीसीएस (0.16 फीसदी) और डॉ. रेड्डी (0.12 फीसदी) शामिल हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर सात साल के उच्च स्तर पर
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर सोमवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर अपने सात साल के सबसे ऊंचे स्तर 1129 रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले मई 2009 में कंपनी ने 1129 रुपए का इंट्राडे हाई का रिकॉर्ड बनाया था। 2016 में रिलायंस का शेयर 11 फीसदी तक ऊपर चढ़ चुका है, जबकि पिछले एक साल के दौरान इसमें 34 फीसदी की ग्रोथ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने कोर और नॉन कोर बिजनेस में अब तक का सबसे बड़ा निवेश करने की योजना बनाई है, जिसकी वजह से इसके शेयर में अगले 12 महीनों के दौरान और तेजी आने की उम्मीद है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1365 रुपए के स्तर तक जाने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।
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