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मिडिल ईस्‍ट की टेंशन से घबराया शेयर बाजार, सेंसेक्‍स 787 अंक गिरकर 40,676 पर हुआ बंद

50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 233.60 अंक गिरकर 11,993.05 अंक पर बंद हुआ।

Sensex plummets 787.98 points to close at 40,676.63, Nifty tanks 233.60 points - India TV Paisa Sensex plummets 787.98 points to close at 40,676.63, Nifty tanks 233.60 points

नई दिल्‍ली। मिडिल ईस्‍ट में टेंशन की वजह से सोमवार को वैश्विक बाजारों के साथ ही घरेलू शेयर बाजारों में भी घबराहट का माहौल देखा गया। 30 शेयरों वाला बंबई स्‍टॉक एक्‍सचेंज का  संवेदी सूचकांक सेंसेक्‍स सोमवार को 787.98 अंक टूटकर 40,676.63 पर बंद हुआ। वहीं 50 शेयरों वाला नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सूचकांक निफ्टी 233.60 अंक गिरकर 11,993.05 अंक पर बंद हुआ।

अमेरिका और ईरान के बीच तनान के बीच तेल की कीमतों में उछाल का सोमवार को स्थानीय शेयर बाजारों पर गहरा असर देखा गया। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार की समाप्ति पर 787.98 अंक यानी 1.90 प्रतिशत गिरकर 40,676.63 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 233.60 अंक यानी 1.91 प्रतिशत घटकर 11,993.05 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में बजाज फाइनेंस के शेयर में सबसे ज्यादा 4.63 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके बाद स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, मारुति, एचडीएफसी, हीरो मोटोकॉर्प,  एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी गिरावट रही। शेयर बाजार में गिरावट की आम धारणा के उलट केवल टाइटन और पावर ग्रिड के शेयरों में ही मजबूती का रुख रहा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को दी गई धमकी के बाद बाजार में भारी बिकवाली का दबाव रहा। ट्रंप ने कहा है कि यदि ईरान ने बदले के लिए अमेरिकी प्रतिष्ठानों अथवा नागरिकों पर हमला किया तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे पहले बगदाद में अमेरिका के एक ड्रोन हमले में ईरानी सेना के एक शीर्ष कमांडर कासिम सोलेमनी मारे गए। इसके बाद ईरान की ओर से बदले की कारवाई का अंदेशा बना हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप का यह वक्तव्य ईरान के यह कहने के कुछ ही देर बाद आया जिसमें उसने कहा कि वह 2015 के परमाणु समझौते से अब बंधा नहीं है।

अमेरिका के राष्ट्रपति ने इराक को भी कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। इराक ने कहा है कि वह वह बगदाद से अमेरिकी सैनिकों को बाहर करने के लिये संसद में प्रस्ताव पारित करायेगा। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से भारत के लिये कच्चे तेल को लेकर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। कच्चे तेल के दाम बढ़ने से देश का वित्तीय घाटा बढ़ सकता है जिसका समूची अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव होगा। ब्रेंट कच्चे तेल का वायदा भाव दो प्रतिशत बढ़कर 69.81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। सोमवार को कारोबार के दौरान डॉलर  के मुकाबले रुपया 24 पैसे लुढ़ककर 72.04 रुपए प्रति डॉलर पर चल रहा था।

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