इन कारणों से सेंसेक्स 439 अंक गिरकर 27643 पर बंद, निवेशकों ने गंवाए 1.60 लाख करोड़ रुपए
सेंसेक्स 439 अंक गिरकर 27643 पर और एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 135 अंक गिरकर 8573 के स्तर पर बंद हुआ है।
नई दिल्ली। गुरुवार को हुई चौतरफा बिकवाली के चलते घरेलू शेयर बाजार दिन के निचले स्तर पर बंद हुए है। बीएसई का 30 शेयरों वाला बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 439 अंक गिरकर 27643 पर और एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 135 अंक गिरकर 8573 के स्तर पर बंद हुआ है।
निवेशकों ने सत्र के दौरान गंवाए 1.6 लाख करोड़ रुपए
- शेयर बाजार की बिकवाली में आज बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट में तेज गिरावट देखने को मिली है।
- यह 10 अक्टूबर को बंद बाजार की कुल मार्केट कैप 1,13,50,521 करोड़ रुपए से गिरकर 1,11,89,825 करोड़ रुपए पर आ गई है।
- इस लिहाज से निवेशकों को करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी से हाथ धोना पडा ।
शेयर बाजार का हाल
- शेयर बाजार की चौतरफा बिकवाली में एनएसई पर सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए है।
- बैंक निफ्टी 2 फीसदी गिरकर 18,958 पर और पीएसयू बैंकिंग इंडेक्स 3.30 फीसदी लुढ़कर 3080 पर क्लोज हुआ है।
- ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल और फार्मा इंडेक्स में 1.77 फीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
50 में से 41 शेयरों में रही गिरावट
- निफ्टी के 50 में से 41 शेयरों में गिरावट का रुख देखने को मिला।
- आइडिया, अदानी पोर्ट्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, टाटा पावर और एचडीएफसी 4-5 फीसदी तक गिरकर बंद हुए है।
- सिप्ला, ओएनजीसी मारुति, हीरो मोटोकॉर्प और अल्ट्राटेक सीमेंट्स में दो फीसदी तक की तेजी रही है।
क्यों आई शेयर बाजार में गिरावट
- अमेरिकी में दिसंबर महीने में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका से ग्लोबल शेयर बाजार में गिरावट आई है।
- टीसीएस और इन्फोसिस के रिजल्ट्स बेहद खराब रहने की आशंका के चलते विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार में जमकर बिकवाली की है।
अब क्या करें निवेशक
मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बालिगा का कहना है कि बाजार में अभी रिकवरी के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं और इकोनॉमी अब गिरावट की ओर जा सकती है। पिछले 6 महीनों में कंजम्पशन में काफी बढ़त देखी गई है जिसमें और तेजी आने की उम्मीद है। इस वित्त वर्ष कैपिटल एक्सपेंडिचर कमजोर हुआ और निवेश की रफ्तार धीमी पड़ी है। प्राइवेट और पीएसयू बैंकों में भी कमजोरी आ सकती है। और आईटी शेयरों में भी अब सबसे ज्यादा सुस्ती के आसार नजर आ रहे हैं। वित्त वर्ष 2017 के दूसरे तिमाही के नतीजे खराब आने की आशंका है। इंड्स्ट्रियल और इंजीनियरिंग कंपनियों के नतीजों में गिरावट आ सकती है।