सेंसेक्स, निफ्टी नए उच्चस्तर को छूने के बाद फिसले, हरे निशान में हुए बंद
कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका-चीन करार के बीच नए उच्चस्तर को छूने के बाद बाजार बैंकों की ऊंची गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) और खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी से दबाव में आ गया।
मुंबई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स गुरुवार को पहली बार 42,000 के ऊपर गया। बाद में सेंसेक्स फिसल कर इससे नीचे लेकिन हल्के लाभ में बंद हुआ। अमेरिका-चीन के बीच पहले चरण के व्यापार करार पर हस्ताक्षर के बीच बाजार की शुरुआत मजबूत हुई। सेंसेक्स पिछले बंद से 120 अंक सुधर कर पहली बार 42,000 के ऊपर चला गया लेकिन अंत में 60 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छूने के बाद मामूली लाभ के साथ बंद हुआ।
कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका-चीन करार के बीच नए उच्चस्तर को छूने के बाद बाजार बैंकों की ऊंची गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) और खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी से दबाव में आ गया। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 42,000 अंक के स्तर को पार कर 42,059.45 अंक के अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया। कुछ समय के लिए यह नकारात्मक दायरे में भी आया। अंत में सेंसेक्स 59.83 अंक या 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 41,932.56 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दिन में कारोबार के दौरान अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 12,389.05 अंक को छूने के बाद अंत में 12.20 अंक या 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,355.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में नेस्ले इंडिया सबसे अधिक 3.23 प्रतिशत चढ़ा। कोटक बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, पावर ग्रिड और टाइटन के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक के शेयर टूट गए।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 12 लाभ में रहे, 18 में नुकसान दर्ज हुआ। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 0.78 प्रतिशत तक के लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुख्य सूचकांक पिछले एक माह के दौरान शानदार प्रदर्शन के बाद अब कुछ स्थिर हैं। संभवत: बाजार कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों का इंतजार और आकलन कर रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर अमेरिका-चीन व्यापार करार तथा घरेलू मोर्चे पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में वृद्धि तथा बैंकों का डूबा कर्ज बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि, वृहद बाजार अब भी काफी मजबूत है।’’ अमेरिका और चीन के बीच बुधवार को पहले चरण के व्यापार करार पर हस्ताक्षर के बाद वैश्विक निवेशकों ने राहत की सांस ली है।
हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे। वहीं चीन का शंघाई बाजार नीचे आया। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में थे। ब्रेंट कच्चा तेल 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 64.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान रुपया 11 पैसे के नुकसान से 70.93 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।