मुंबई। जून महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के दिन बेहद उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में भारतीय शेयर बाजार मामूली नुकसान के साथ बंद हुए। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स करीब 300 अंक ऊपर नीचे होने के बाद अंत में 5.67 अंक या 0.01 प्रतिशत के नुकसान से 39,586.41 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 39,817.22 अंक का निचला और 39,510.44 अंक का उच्चस्तर भी छुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी छह अंक या 0.05 प्रतिशत के नुकसान से 11,841.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 11,911.15 अंक का उच्चस्तर भी छुआ और यह 11,821.05 अंक के निचले स्तर पर भी आया।
सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, इंफोसिस, पावरग्रिड, कोटक बैंक, यस बैंक और वेदांता के शेयर 2.26 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, एसबीआई, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, सनफार्मा और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर 2.95 प्रतिशत तक के लाभ में रहे।
कारोबारियों ने कहा कि जून के वायदा एवं विकल्प खंड के निपटान की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहा। जी-20 शिखर बैठक से पहले वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख से घरेलू बाजार बढ़त के साथ खुले और दोपहर तक लाभ में रहे।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोर्स के प्रमुख बुनियादी अनुसंधान (निवेश सेवाएं) नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दोपहर के बाद अमेरिका ईरान गतिरोध को लेकर जारी अनिश्चितता बढ़ने से बाजार ने अपना शुरुआती लाभ गंवा दिया।
अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया तीन पैसे की बढ़त के साथ 69.11 प्रति डॉलर पर चल रहा था। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.93 प्रतिशत टूटकर 65.08 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। एशियाई बाजारों में शंघाई, हांगकांग, तोक्यो और सियोल सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी लाभ में चल रहे थे।
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