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Hindi News पैसा बाजार 8 साल में पहली बार लगातार 9वें दिन गिरा बाजार, सेंसेक्स और 372 अंक हुआ कमजोर

8 साल में पहली बार लगातार 9वें दिन गिरा बाजार, सेंसेक्स और 372 अंक हुआ कमजोर

बाजार में कारोबार के आखिरी घंटे में बिकवाली ने जोर पकड़ा। निवेशक वित्तीय कंपनियों की सेहत को लेकर चिंतित दिखे। एनबीएफसी कंपनियों में नकदी की उपलब्धता को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।

Sensex logs 9th straight loss, crashes 372 pts- India TV Paisa Image Source : SENSEX LOGS 9TH STRAIGHT Sensex logs 9th straight loss, crashes 372 pts

मुंबई। देश के शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार नौंवे कारोबारी दिन गिरावट दर्ज की गई। 8 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि बाजार लगातार नौ तक गिरावट के साथ बंद हुआ है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की सेहत, अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव तथा आम चुनावों के परिणामों को लेकर चिंतित निवेशकों ने कारोबार के आखिरी घंटे में बिकवाली पर जोर दिया। इससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 372 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 130 अंक टूट गए।  

बाजार में कारोबार के आखिरी घंटे में बिकवाली ने जोर पकड़ा। निवेशक वित्तीय कंपनियों की सेहत को लेकर चिंतित दिखे। एनबीएफसी कंपनियों में नकदी की उपलब्धता को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। 

शेयर बाजारों में पिछले नौ कारोबारी सत्रों से लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। इन नौ दिनों में सेंसेक्स 1,940.73 अंक और निफ्टी 599.95 अंक गिर चुका है। कारोबार की समाप्ति पर आज सन फार्मा का शेयर सबसे ज्यादा 9.39 प्रतिशत घटकर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 20 प्रतिशत तक गिर गया था। यस बैंक, टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक के शेयरों में भी 5.58 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। 

लाभ दर्ज करने वाले शेयरों में एचडीएफसी में सबसे ज्यादा 1.06 प्रतिशत का लाभ दर्ज किया गया। एचयूएल, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, कोल इंडिया, बजाज आटो और हीरो हौंडा का शेयर बढ़त में रहा। कारोबार के ज्यादातर समय सेंसेक्स सीमित दायरे में रहा। अंतिम दौर में शुरू हुई बिकवाली से कारोबार की समाप्ति पर संसेक्स 372.17 अंक यानी 0.99 प्रतिशत घटकर 37,090.82 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार एनएसई का निफ्टी सूचकांक 130.70 अंक यानी 1.16 प्रतिशत गिरकर 11,148.20 अंक पर बंद हुआ। 

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता शुक्रवार को बिना किसी नतीजे पर पहुंचे समाप्त हो जाने से ज्यादातर एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। बाजार से विदेशी पूंजी की निकासी होने से भी निवेशकों में चिंता रही। कंपनी मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के क्षेत्र में जल्द ही संकट की स्थिति आ सकती है। कुछ बड़ी कंपनियों के जरूरत से ज्यादा जोखिम उठाने और रिण में कमी के कारण क्षेत्र की स्थिति बिगड़ने के कगार पर है। इससे निवेशकों की धारणा पर दुष्प्रभाव पड़ा है। 
हाल के दिनों में देश के वित्तीय क्षेत्र में कई तरह की चिंतायें बढ़ी हैं। विविध कारोबार वाले आईएलएण्ड एफएस समूह के कर्ज संकट में फंसने और कुछ अन्य बड़ी कंपनियों द्वारा कर्ज किस्तों का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से क्षेत्र का संकट बढ़ा है। 

सेंक्ट्रम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि वैश्विक चिंताओं के साथ साथ घरेलू सतर पर नकदी की तंगी उभरने से निवेश और खपत दोनों पर असर पड़ने की चिंता ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। बहरहाल, उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम बेहतर आने से इस धारणा में बदलाव आ सकता है। पूंजी निवेश बढ़ सकता है और बाजार में तेजी का रुख बन सकता है। 

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