नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को जिंस डेरिवेटिव्स से जुड़े एक्सचेंज के सदस्यों द्वारा अपने ग्राहकों के पैन (स्थायी खाता संख्या) को लेने और उसके रखरखाव को लेकर अनुपालन के नियमों में बदलाव किया। साथ ही ई-पैन के उपयोग को बढ़ावा देने के उपाय किए गए हैं। केंद्रीय बजट 2020 में तत्काल पैन सुविधा की घोषणा की गयी थी। उसके बाद आयकर विभाग ने ई-पैन सुविधा की शुरूआत की। इसे बॉयोमेट्रिक सत्यापन व्यवस्था (आधार) आधारित ई-केवाईसी के जरिये तुरंत प्राप्त किया जा सकता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विशिष्ट ग्राहक कोड (यूसीसी) और पैन की अनिवार्य जरूरत से संबंधित प्रावधानों में बदलाव किया है। नियामक ने कहा कि जिंस डेरिवेटिव्स वाले एक्सचेंज के सदस्यों के लिये जिंस डेरिवेटिव खंड में सौदा करने वाले अपने सभी ग्राहकों के लिये यूसीसी का उपयोग अनिवार्य होगा। ऐसे एक्सचेंज के सदस्यों को बिना यूसीसी का ब्योरा ‘अपलोड’ किये कारोबार की अनुमति नहीं होगी। इसके लिये सदस्यों को जरूरी सत्यापन के बाद पैन प्राप्त करना और उसे अपने कार्यालय के रिकार्ड में रखने की आवश्यकता होगी।
हालांकि ई-पैन के मामले में सदस्यों को आयकर विभाग की वेबसाइट पर ई-पैन का सत्यापन करना होगा और अपने रिकार्ड में पैन की ‘सॉफ्ट कॉपी’ रखनी होगी। परिपत्र के प्रावधान एक अप्रैल, 2021 से प्रभाव में आएंगे।
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