नई दिल्ली। देश में इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बावजूद शेयरों में कारोबार की बात आती है तो देश के केवल 22 प्रतिशत निवेशक ही सौदे करने के लिए इंटरनेट की मदद लेते हैं। बाजार नियामक सेबी ने अपने सेबी इन्वेस्टर्स सर्वे 2015 में यह निष्कर्ष निकाला है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक निवेशकों को जब यह लाइन सुनाई देती है कि यह निवेश बाजार जोखिमों से जुड़ा है, तो उनके लिए इसका मतलब खतरे या नुकसान से होता है। हालांकि, कुछ निवेशक मानते हैं कि जोखिम का मतलब उनके लिए रोमांच और अवसरों से है।
सेबी इन्वेस्टर्स सर्वे 2015 के अनुसार निवेशकों द्वारा ऑनलाइन कारोबार को वरीयता नहीं दिए जाने की एक प्रमुख वजह ऑनलाइन कारोबार प्रणालियों से जुड़ी प्रक्रिया के प्रति जागरकता का अभाव है। सर्वे के अनुसार नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ज्यादातर 52 प्रतिशत बाजार भागीदार आमने सामने संवाद को वरीयता देते हैं। वहीं 50 प्रतिशत इसके लिए मास मीडिया विज्ञापन और 50 प्रतिशत ही फोन कॉल के विकल्प को चुनते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस लिहाज से एसएमएस 45 प्रतिशत काफी लोकप्रिय है हालांकि सोशल मीडिया इतना अधिक प्रचलित नहीं हो पाया है। जहां तक सूचना हासिल करने का सवाल है तो 40 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि सोशल मीडिया उनके लिए सूचना पाने का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके बाद कंपनी की वेबसाइट व तब मास मीडिया का नंबर आता है। सर्वे के अनुसार 70 प्रतिशत से भी अधिक निवेशक अपने खातों के संचालन व ऑर्डर के लिए फाइनेंशियल प्लानर पर निर्भर करते हैं।
निवेशकों के लिए जोखिम का मतलब खतरा, कुछ के लिए रोमांच
सेबी के सर्वे में यह भी कहा गया है कि निवेशक बाजार जोखिमों मसलन उतार चढ़ाव और वित्तीय नुकसान को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं। वे परिचालन जोखिमों मसलन कामकाज के संचालन के मुद्दों और भेदिया कारोबार आदि को अधिक महत्व नहीं देते।
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