नई दिल्ली। बाजार नियामक (SEBI) अपने जांच और प्रवर्तन तंत्र को और मजबूत बनाने पर विचार कर रहा है ताकि वह इस बात पर नजर रख सके कि कहीं लोग शेयर बाजारों का उपयोग अपने कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए और दीर्घकालिक फर्जी पूंजीगत लाभ सृजित करने में तो नहीं कर रहे हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उसके संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं जहां कुछ प्रतिष्ठित कंपनियों के शेयरों में कारोबार के माध्यम से फर्जी कर लाभ का दावा किया गया है। आम तौर पर माना जाता है कि ऐसी फर्जी गतिविधियों को कौड़ी के मोल वाले शेयरों के माध्यम से अंजाम दिया जाता है।
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शेयर बाजारों के माध्यम से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर से छूट देने के नियम हैं लेकिन इस बार के बजट में सरकार ने यह लाभ केवल सही कारोबार करने वालों को मिलना सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा है। यह सरकार के फर्जी लेनदेन के माध्यम से कर चोरी को रोकने प्रयासों का हिस्सा है।
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SEBI अब ऐसे कदम उठाने पर विचार कर रहा है कि यह फायदा केवल सही निवेशकों को मिले और देश में दीर्घकालिक निवेश का माहौल तैयार करने को प्रोत्साहन दिया जा सके।
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