नई दिल्ली: शेयर बाजार रेग्युलेटर SEBI ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 625 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। दरअसल, पूंजी बाजार नियामक SEBI ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से एक जगह कुछ सर्वर को विशेष लाभ पहुंचाने (को-लोकेशन) के मामले में ब्याज सहित 625 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया। इस सबसे साथ ही सेबी ने एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारियों रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगाया।
SEBI ने NSE पर 6 महीने की पाबंदी भी लगाई है, जिसका मतलब है कि एक्सचेंज अगले 6 महीने तक आईपीओ नहीं जारी कर सकेगा।
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बता दें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी। सेबी का उद्देश्य प्रतिभूतियों (सिक्यूरिटीज़) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना, प्रतिभूति बाजार (सिक्यूरिटीज़ मार्केट) के विकास का उन्नयन करना और उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना है।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है। एनएसई एक परिष्कृत, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से व्यापार करने वाला स्टॉक एक्सचेंज है, जिसके स्थापना 1992 में हुई थी। इसका लोकप्रिय बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स है, जो भारतीय इक्विटी बाजार में सबसे बड़ी संपत्तियों को ट्रैक करता है। आज यह एक्सचेंज थोक ऋण, इक्विटी और डेरिवेटिव मार्केट में लेनदेन करता है।
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