नई दिल्ली। भारत में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सोने का इंपोर्ट घटकर आधा रह सकता है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता बाजार है। नोटबंदी की वजह से नकदी संकट और गिरती कीमतों की वजह से भारत में उपभोक्ता सोने से दूरी बना रहे हैं।
थॉमसन रॉयटर्स की डिवीजन जीएफएमएस के सीनियर एनालिस्ट सुधीश नामबिआथ ने कहा कि दिसंबर तिमाही में सोने का इंपोर्ट 50 से 60 फीसदी घट सकता है, इसके पीछे मुख्य वजह नकदी समस्या और गिरती कीमते हैं।
इस माह के शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों की कानूनी मान्यता खत्म कर दी थी। इस कदम से सोना खरीदने वाले ग्राहकों पर बुरा असर पड़ा है क्योंकि अधिकांश विक्रेता नकद में भुगतान को प्राथमिकता देते हैं।
अक्टूबर में सोने का आयात हुआ दोगुना, 3.5 अरब डॉलर पर पहुंचा
मुंबई के एक छोटे ज्वेलर्स जितेंद्र जैन का कहना है कि नकदी संकट की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। हम केवल उन्हीं ग्राहकों से सोना खरीद सकते हैं जो चेक में भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। जैन ने कहा कि वो पहले प्रतिदिन 2 किलोग्राम सोना खरीदते थे, लेकिन इन दिनों 100 से 200 ग्राम सोना ही खरीद पा रहे हैं।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बच्छरात बामलवा का कहना है कि मांग बहुत ही कमजोर है, ग्राहक अपनी खरीद को आगे बढ़ा रहे हैं। पिछले हफ्ते भारत में सोने पर प्रीमियम अपने दो साल के उच्चतम स्तर पर था, लेकिन सोमवार को सोने के डीलर प्रति औंस 5 डॉलर का डिस्काउंट दे रहे थे।
चेन्नई के एक ज्वेलर ने कहा कि लोग सोना खरीदने में सक्षम नहीं है यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में शादीयां शुरू होने के बावजूद वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। अगले कुछ हफ्तों तक मांग इसी तरह कमजोर बनी रहेगी।
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