नई दिल्ली। अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में पिछले 12 दिन से जोरदार रिकवरी देखी जा रही है, आज डॉलर का भाव घटकर 66.85 रुपए तक आ गया है जो करीब 4 हफ्ते में सबसे अधिक भाव है, 12 दिन पहले डॉलर का भाव 68.47 रुपए के ऊपरी स्तर तक चला गया था, लेकिन अब डॉलर सस्ता हो रहा है और रुपए में मजबूती आने लगी है, रुपए में आई इस मजबूती का असर हम सबकी जेब पर पड़ सकता है। रुपया कमजोर होने से विदेशों से भारत आने वाला सामान या सेवाएं महंगी होती हैं और भारत से बाहर जाने वाले सामान और सेवाओं पर ज्यादा कमाई होती है। रुपया मजबूत होने पर इसके विपरीत असर पड़ता है।
रुपए की मजबूती से यह सब वस्तुओं हो सकती है सस्ती
रुपए में आई मजबूती से हर उस वस्तू और सेवा के लिए हमें पहले से कम कीमत चुकानी पड़ेगी जो विदेशो से आयात होती है। देश में सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात होता है जिससे पेट्रोल और डीजल बनता है, यानि पेट्रोल और डीजल के सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है। दूसरे नंबर पर ज्यादा आयात मोबाइल और टेलिविजन जैसे इलेक्ट्रोनिक्स के सामान का होता है। तीसरे नंबर पर सोना, चौथे पर महंगे रत्न, और पांचवें नंबर पर इलेक्ट्रिक मशीनों का ज्यादा आयात होता है। इन तमाम वस्तुओं को खरीदने के लिए डॉलर में भुगतान करना पड़ता है और अब डॉलर खरीदने के लिए क्योंकी पहले से कम रुपए लगेंगे तो ऐसे में इस तरह की तमाम वस्तुओं को विदेशों से खरीदने के लिए कम कीमत चुकानी पड़ेगी। इन सबके अलावा देश में खाने के तेल, कोयला, कैमिकल और कृत्रिम प्लास्टिक मैटेरियल का भी ज्यादा आयात होता है। इन सबके लिए भी कम कीमत चुकानी पड़ सकती है। इन सबके अलावा विदेश घूमना, विदेश में पढ़ाई करने जैसी सेवाएं भी सस्ती होंगी।
रुपए की मजबूती के नुकसान
रुपए की मजबूती के सिर्फ नुकसान ही नहीं है बल्कि इससे फायदे भी हैं। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार लंबे समय से निर्यात को बढ़ावा दे रही है। भारत से विदेशों को सामान निर्यात करने पर उसकी पेमेंट क्योंकी डॉलर में मिलती है। अब क्योंकि रुपया मजबूत है तो ऐसे में विदेशों से आने वाले डॉलर के देश में कम रुपए मिलेंगे। यानि निर्यात से होने वाली कमाई घटेगी और निर्यात आधारित इंडस्ट्री प्रभावित होगी। भारत से सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग उपकरण, जेम्स एंड ज्वैलरी, पेट्रोलियम उत्पाद, ऑर्गैनिक और इन ऑर्गैनिक कैमिकल और दवाओं का निर्यात होता है। इन वस्तुओं से जुड़े तमाम उद्योगों को रुपए की मजबूती से नुकसान पहुंचेगा। इनके अलावा देश से चावल, मसाले, कपास और कई कृषि आधारित वस्तुओं का भी ज्यादा निर्यात होता है और मजबूत रुपए से इस तरह की वस्तुओं के तमाम निर्यातकों तक लाभ पहुंचेगा।
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