डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़त, 11 पैसे की मजबूती के साथ 74.24 रुपये पर बंद
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत घटकर 93.05 रह गया।
नई दिल्ली। दुनिया भर की अन्य बड़ी विदेशी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने के कारण रुपये में आज मजबूती देखने को मिली है। जानकारों की माने तो रुपये में बढ़त और बेहतर हो सकती थी लेकिन घरेलू शेयरों में भारी बिकवाली दबाव तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये की तेजी पर अंकुश लगा। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 74.25 के स्तर से नीचे आकर बंद हुआ है।
कैसा रहा आज का कारोबार
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे बढ़कर 74.24 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि हालांकि, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में रुपया 74.30 पर मजबूत खुला। कारोबार के दौरान रुपया 74.24 के दिन के उच्चतम स्तर और 74.31 रुपये के दिन के निचले स्तर तक पहुंचा। यानि कारोबार के दौरान रुपये में सिर्फ 7 पैसे के दायरे में कारोबार देखने को मिला है। इस दायरे में घूमने के बाद अंत में रुपया 11 पैसे की तेजी के साथ 74.24 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को रुपया 74.35 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
कैसे रहे विदेशी संकेत
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत घटकर 93.05 रह गया। वैश्विक मानक माने जाने वाला ब्रेंट कच्चा तेल वायदा भाव 0.77 प्रतिशत बढ़कर 69.56 डॉलर प्रति बैरल हो गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 162.78 अंक की गिरावट के साथ 55,629.49 अंक पर बंद हुआ। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 343.73 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
क्या है रुपये की चाल पर जानकारों का अनुमान
विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और कोविड महामारी के प्रकोप के चलते भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ेगा और रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर इस साल 76-76.50 के स्तर पर आ सकता है। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर सूचकांक के 90 अंक से ऊपर स्थिर होने के कारण लंबे समय में रुपये के लिए रुझान कमजोर होगा। इसके अलावा कच्चे तेल की ऊंची कीमत और कोविड महामारी के चलते रुपये पर दबाव बना है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में जिंस एवं मुद्रा शोध की उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में मजबूती के बीच जून के बाद से भारतीय रुपये में भारी गिरावट देखी गई है। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने भी रुपये में कमजोरी का अनुमान जताया।
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