नई दिल्ली। अमेरिकी करेंसी डॉलर में आई मजबूती और भारतीय शेयर बाजार में नरमी की वजह से भारतीय करेंसी रुपए की कीमत घटने लगी है। डॉलर का भाव 65 रुपए के करीब हो गया है, बुधवार को एक डॉलर का भाव 64.90 रुपए दर्ज किया गया, डॉलर के मुकाबले रुपये का यह स्तर करीब 3 महीने में सबसे निचला स्तर है। रुपए में आई इस गिरावट की वजह से देश को फायदा होने के साथ नुकसान भी है।
रुपए में गिरावट के फायदे
रुपये की कम कीमत की वजह से विदेशों से भारत में आने वाले डॉलर को रुपये में बदलने पर ज्यादा पैसे मिलेंगे, यानि डॉलर में जो कमाई होगी उसे भारतीय करेंसी में बदलने पर पहले के मुकाबले ज्यादा रुपए मिलेंगे। यह परिस्थिति निर्यात आधारित कारोबार के लिए बेहतर होती है, विदेशों को निर्यात होने वाले सामान और सेवाओं की पेमेंट डॉलर में मिलती है। भारत से सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर की सेवाएं, दवाएं, आभूषण, इंजीनीयरिंग मशीनरी और पेट्रोलियम उत्पादों का ज्यादा निर्यात होता है। रुपए में कमजोरी से इन सभी सेक्टर से जुड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचेगा।
रुपए में गिरावट के नुकसान
जिस तरह से रुपये कमजोर होने पर विदेशों से आने वाले डॉलर के ज्यादा पैसे मिलेंगे उसी तरह भारत से विदेशों को जाने वाले डॉलर के लिए भी ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे। भारत में विदेशों से सबसे ज्यादा पेट्रोलियम उत्पाद, सोना-चांदी और इलेकट्रोनिक्स का सामान आयात होता है। इसके अलावा विदेश घूमना, विदेश में पढ़ाई के लिए भी डॉलर में भुगतान करना पड़ता है। रुपया कमजोर होने की वजह से पेट्रोल-डीजल, सोना-चांदी, विदेशी मोबाइल फोन और टेलिविजन, विदेश घूमना और विदेश में पढ़ाई करना सब महंगा हो जाएगा।
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