डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की गिरावट, 1 पैसे गिरकर 74.44 पर हुआ बंद
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 93.16 हो गया। इसके साथ ही कच्चे तेल में भी बढ़त देखने को मिली है।
नई दिल्ली। सेंसेक्स की तर्ज पर आज डॉलर के मुकाबले रुपये में भी हल्की गिरावट देखने को मिली और वो पिछले स्तर के करीब ही बंद हुआ। जानकारों के मुताबिक महंगाई दर के आंकड़े आने से पहले रुपये में सीमित एक्शन देखने को मिला है। वहीं डॉलर में मजबूती की वजह से रुपये मे गिरावट देखने को मिली।
कैसा रहा आज का कारोबार
घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख के बीच अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया महज एक पैसे की गिरावट के साथ 74.44 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में सुबह रुपया 74.43 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 74.37 से 74.48 रुपये के दायरे में घट बढ़ के बाद पिछले सत्र के बंद भाव के मुकाबले एक पैसे की हानि दर्शाता 74.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पहले मंगलवार को यह 74.43 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। आज बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक कारोबार के अंत में 28.73 अंक अथवा 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,525.93 अंक पर बंद हुआ।
कैसे रहे विदेशी संकेत
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 93.16 हो गया। वैश्विक मानक माने जाने वाले ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.30 प्रतिशत बढ़कर 70.84 डॉलर प्रति बैरल हो गई। शेयर बाजार से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को बाजार में 178.51 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति के महत्वपूर्ण आंकड़े आने से पहले डॉलर-रुपये की विनिमय दर सीमित दायरे में रही। मुद्रास्फीति के आंकडे कल जारी होने हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये आंकड़े पिछले महीने के आंकड़ों के अनुरूप ही रह सकते हैं। रुपये में कमजोरी मुख्य तौर पर डालर की प्रमुख मुद्राओं के समक्ष मजबूती के कारण रही।
क्या है रुपये की चाल पर करंसी एक्सपर्ट्स की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर सूचकांक के 90 अंक से ऊपर स्थिर होने के कारण लंबे समय में रुपये के लिए रुझान कमजोर होगा। इसके अलावा कच्चे तेल की ऊंची कीमत और कोविड महामारी के चलते रुपये पर दबाव बना है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में जिंस एवं मुद्रा शोध की उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में मजबूती के बीच जून के बाद से भारतीय रुपये में भारी गिरावट देखी गई है। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने भी रुपये में कमजोरी का अनुमान जताया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि रुपया 73.30 से 75.50 के दायरे में रहेगा और साल के अंत तक यह 76.00-76.50 के स्तर को भी छू सकता है।’’